राजधानी में किसानों से हो रही बड़ी ठगी के साइन सिटी इंफ्रा से जुड़े हैं तार
फर्जी खाता खोलने और फर्जी आधार बनाने का भी खूब हो रहा खेल
जन एक्सप्रेस/विश्वामित्र पांडेय
लखनऊ। राजधानी की मोहनलालगंज तहसील अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत अचली खेड़ा में किसानों के साथ हो रही धोखाधड़ी में राजधानी की सबसे बड़ी फ्रॉड कंपनी साइन सिटी का नाम सामने आया है। साइन सिटी के ब्रोकर के तौर पर मिस्री लाल पुत्र पन्ने निवासी साहन खेड़ा मजरा भट्टी बरकत नगर थाना गुसाईंगंज लखनऊ व चमनलाल दिवाकर पुत्र सोनेलाल (कथित डायरेक्टर साइन सिटी) निवासी 1/38 विवेक खंड गोमती नगर लखनऊ के साथ अन्य लोगों द्वारा किसानों के साथ जमकर धोखाधड़ी की जा रही है। जानकारों का कहना है कि इस कार्य में फर्जी आधार बनाने से लेकर फर्जी बैंक खाता खोले जाने तक का कार्य किया जा रहा है, साथ ही स्थानीय जन प्रतिनिधियों की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है।
निराधार है नगराम पुलिस द्वारा की गई अब तक की जांच, धन बल पर लिखा गया किसानों पर फर्जी मुकदमा!
अब तक की पुलिसिया कार्यवाही पर सवालिया निशान भी उठने लगे हैं क्योंकि स्थानीय लोगों द्वारा दबी जुबान यह कहते सुना जा रहा है कि नगराम पुलिस द्वारा बिना जांच किए अयोध्या प्रसाद ,रंजीत कुमार और हरिनाम पर मुकदमा लिखा गया है जबकि किसान खुद मिस्रीलाल और चमनलाल की जालसाजी का शिकार हुए हैं। नगराम पुलिस पर यह भी आरोप लगने शुरू हो गए हैं कि किसानों पर दबाव बनाकर जबरन साइन सिटी के ब्रोकर्स के नाम जमीन लिखाई जा रही थी, जिसका तहसील परिसर में ही मौके पर मौजूद लोगों द्वारा वीडियो भी बनाया गया था। पीड़ित किसानों का यह भी आरोप है कि नगराम पुलिस ने किसानों के जमीन व बैंक से जुड़े सारे कागजात जप्त कर लिए हैं। वहीं बीते बुधवार समझौते के बहाने से किसानों को बुलाकर जबरन भूमि का बैनामा करने का दबाव बनाया गया। हरिनाम को बुधवार से ही थाने में बैठा रखा था उसके बाद भी मिश्रीलाल पुत्र पन्ने व हरिनाम पुत्र अयोध्या प्रसाद की गिरफ्तारी की सूचना शुक्रवार को जारी की गई।
लगभग 68000 करोड़ के घोटाले वाली साइन सिटी के दलालों के जाल में फसे लखनऊ के किसान
बताते चलें कि साइन सिटी व कंपनी के सीएमडी राशिद पर अबतक लगभग चार सौ से अधिक मुकदमे हो चुके हैं और लगभग 68000 करोड़ से अधिक के घोटाले का आरोप भी लग चुका है उसके बावजूद राजधानी में बड़े पैमाने पर साइन सिटी के ब्रोकर्स द्वारा लगातार अलग अलग नाम से भूमि की खरीद फरोख्त जारी है।
मास्टर माइंड चमन लाल दिवाकर और ब्रोकर मिश्री लाल बनाते हैं अशिक्षित और बेबस किसानों को निशाना
जानकारों का कहना है कि इस गोरखधंधे के मास्टर माइंड चमनलाल दिवाकर और मिस्रीलाल द्वारा ज्यादातर किसानों के साथ धोखाधड़ी कर पहले थोड़ी जमीन का सौदा किया जाता है फिर उन्हीं कागजातों से छेड़छाड़ कर पूरी जमीन लिखा ली जाती है। इसी तरह फकीर खेड़ा निवासी किसान अयोध्या प्रसाद और रंजीत कुमार को भी फसाया गया है।
सामने आ सकते हैं लखनऊ पुलिस के कई अफसरों और सेवानिवृत ब्यूरोक्रेट के नाम
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार साइन सिटी का गिरोह अभी भी राजधानी में सक्रिय है। विश्वस्त सूत्रों का दावा है कि चमनलाल दिवाकर व मिस्रीलाल व अन्य के द्वारा किसानों को गुमराह कर उनकी जमीन औने पौने दाम पर खरीदी जा रही है। इस खेल में लखनऊ पुलिस के कई अधिकारियों व शासन में उच्च पद पर रहे सेवानिवृत अधिकारी भी शामिल हैं।
किसानों के परिवार में दहशत, अवैध चीजें घर में रखवाकर सबको जेल भिजवाने की हो सकती है साजिश
पीड़ित किसान के परिवार को इस बात का भय सता रहा है कि विपक्षी धन मस्त होने के साथ ही शासन प्रशासन में अपना रसूख जमाए हुए हैं, ऐसी जानकारी मिल रही है कि नगराम पुलिस की सह पर अन्य विरोधियों द्वारा घर में अवैध असलहे, गांजा चरस या अन्य कोई अवैधानिक वस्तु रखकर पूरे परिवार को जेल भेजने की शाजिस रची जा सकती है। किसान अयोध्या प्रसाद के परिवारजनों का कहना है कि स्थानीय पुलिस जालसाजों के द्वारा धन से पोषित की जा रही है वह किसी भी सूरत में हमारी जमीन हथियाना चाह रहे हैं। शुक्रवार को देर रात इस बात की जानकारी हुई कि अयोध्या प्रसाद के बेटे हरिनाम को जेल भेजा जा रहा है।
बड़ा सवाल!
यूपी पुलिस के ईमानदार अधिकारियों की कब पड़ेगी मामले पर नजर?
जांच के घेरे में साइन सिटी का सीएमडी फरार फिर भी बिचौलिए कैसे हो रहे मालामाल?
पीड़ित किसानों के कौन पोछेगा आंसू और किसानों की कौन सुनेगा फरियाद?
जल्द ही कई बड़े नामों का हो सकता है खुलासा….जन एक्सप्रेस की पड़ताल जारी…