बिहार

चाणक्य की धरती से बीजेपी के खिलाफ रणनीति

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बिहार : नीतीश कुमार के एनडीए से गठबंधन तोड़ महागठबंधन के साथ सरकार बनाने के बाद से ही लगातार इस बात की चर्चा तेज हो गई थी कि इसके बाद उनका अगला कदम क्या होगा? बिहार की राजधानी पटना से लेकर देश की राजधानी दिल्ली तक इसको लेकर उत्सुकता है। सूत्रों की माने तो नीतीश कुमार सितंबर के पहले हफ्ते में ही दिल्ली का चक्कर लगा सकते हैं। जिसके बाद से ही दिल्ली का उनका नियमित दौरा शुरू होगा। वो तमाम क्षेत्रीय दलों के नेताओं से मिलने उनके राज्य भी जाएंगे। इन तमाम कवायदों के पीछे केवल और केवल एक ही उद्देश्य होगा 2024 के चुनाव में विपक्षी एकता को धार देना। इसकी बानगी अब दिखने भी लगी है। आज तेजलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने आज पटना में राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात की। इस मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।

बीजेपी को घेरने पर बात

नीतीश कुमार ने जिस तरह पिछले दिनों बीजेपी के बड़े गेम को उजागर किया उससे विपक्षी दलों में उनकी लोकप्रियता बढ़ी है। वहीं नीतीश भी कह चुके हैं 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्ष की एकता के लिए वह समय देने को तैयार हैं। केसीआर भले ही तेलंगाना तक सीमित हैं। लेकिन बीजेपी के साथ उनका 36 का आंकड़ा है। वो लगातार बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की तमाम कोशिशें पहले भी कर चुके हैं। केसीआर केवल नीतीश कुमार के ही नहीं बल्कि शिवसेना, आप, टीएमसी जैसे विभिन्न राज्यों के दूसरे दलों के नेताओं से भी मिल चुके हैं। नीतीश को लेकर इस बार कहा जा रहा है कि उनकी मंजिल बिल्कुल साफ है। आने वाले कुछ महीने में उसे वो देश के सामने पेश भी करेंगे। लेकिन क्या वो मंजिल पीएम पद की दावे दारी है? इस बारे में उनके कई करीबी इनकार कर रहे हैं। उनका मानना है कि वर्तमान में नीतीश कुमार केवल विपक्ष को एक करने की चुनौती स्वीकार कर रहे हैं। इसके आगे अभी उन्होंने कुछ नहीं सोचा है। केसीआर तेलंगाना सरकार की ओर से गलवान घाटी में शहीद हुए बिहार के सैनिकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद देंगे।

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