टीम इंडिया, दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट सीरीज जीतकर रचेगी इतिहासं…..

सेंचुरियन। वनडे विश्व कप के फाइनल में 36 दिन पहले मिली हार की निराशा को भुलाकर भारतीय टीम अब दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट श्रृंखला जीतने के अपने 31 साल के इंतजार को खत्म करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला मंगलवार से शुरू होगी।
यह 1992 से लेकर अब तक भारत की दक्षिण अफ्रीका में नौवीं टेस्ट श्रृंखला होगी, लेकिन अभी तक वह इस देश में एक भी श्रृंखला नहीं जीत पाया। यही वजह है कि हमेशा की तरह वर्तमान श्रृंखला को भी रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम के लिए ‘अंतिम किला’ कहा जा रहा है। लेकिन सुपरस्पोर्ट पार्क में होने वाले मैच के पहले दो दिन भारी बारिश की भविष्यवाणी की गई है। सेंचुरियन के विकेट से तेजी और असमान उछाल मिलती है जिससे की मुकाबला खड़ा होने की संभावना है।
वनडे विश्व कप में रोहित शर्मा के पास कपिल देव और महेंद्र सिंह धोनी की बराबरी करने का मौका था लेकिन फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार के कारण वह विश्व विजेता कप्तान नहीं बन पाए। अब उनके पास दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट श्रृंखला जीतने वाला पहला भारतीय कप्तान बनने का मौका है और वह इसे हाथ से नहीं जाने देंगे। दक्षिण अफ्रीका में मोहम्मद अज़हरुद्दीन (1992), सचिन तेंदुलकर (1996) और सौरव गांगुली (2001) की कप्तानी में भारत को नाकामी हाथ लगी। राहुल द्रविड़ (2006-07), धोनी (2010-11 और 2013-14) और विराट कोहली (2018-19 और 2021-22) ने टेस्ट मैच जीते लेकिन कोई भी टीम श्रृंखला नहीं जीत पाई। भारत के कुछ स्टार क्रिकेटरों का यह दक्षिण अफ्रीका का अंतिम दौरा हो सकता है और वह निश्चित तौर पर इसको यादगार बनाने के लिए बेताब होंगे।
तेंबा बावुमा की अगुवाई वाले दक्षिण अफ्रीका के पास कुछ अच्छे तेज गेंदबाज हैं जो भारत के युवा बल्लेबाजों के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं। सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल की असली परीक्षा कैगिसो रबाडा, लुंगी एनगिडी, मार्को यानसन और गेराल्ड कोएत्ज़ी जैसे गेंदबाजों के सामने होगी। इसी तरह से उपमहाद्वीप की पिचों पर खुद को साबित करने वाले शुभमन गिल और श्रेयस अय्यर जैसे बल्लेबाजों को अधिक चुनौती पूर्ण परिस्थितियों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। शॉर्ट पिच गेंद अय्यर की कमजोरी मानी जाती रही हैं और उन्हें इससे पार पाने के लिए कुछ खास करना होगा। मुख्य कोच राहुल द्रविड़ नहीं चाहते हैं कि जायसवाल और गिल अपनी शैली में बदलाव करें लेकिन वह चाहते हैं कि वे परिस्थितियों के अनुसार बल्लेबाजी करें।
द्रविड़ ने कहा,‘‘हम खिलाड़ियों को उस तरीके से खेलने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, जिसमें वह सहज महसूस करते हैं लेकिन उनको परिस्थितियों को भी दिमाग में रखना होगा। दक्षिण अफ्रीका में खेलते हुए उन्हें कुछ रणनीतिक चीजें अपनानी होंगी।’’ भारत का प्रदर्शन हालांकि तीन कारकों पर निर्भर करेगा। पहला कप्तान रोहित शर्मा हुक और पुल शॉट का कितनी अच्छी तरह से प्रदर्शन करते हैं, दूसरा विराट कोहली कितने समय तक ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंदों को छोड़ने का फैसला करते हैं और तीसरा टीम मोहम्मद शमी की कमी को कैसे पूरा करती है। शमी की जगह मुकेश कुमार या प्रसिद्ध कृष्णा में से किसी एक को चुना जा सकता है। बावुमा, इस श्रृंखला के बाद संन्यास लेने की घोषणा कर चुके डीन एल्गर, स्टाइलिश एडेन मार्कराम, युवा टोनी डी ज़ोरज़ी और कीगन पीटरसन के रूप में दक्षिण अफ्रीका के पास अच्छे बल्लेबाज हैं जो भारतीय गेंदबाजों को परेशान कर सकते हैं।