मलिहाबाद के हकीम के घर से बरामद हुए 50 हजार कारतूस और 300 असलहे
एसटीएफ जांच में जुटी, सलाउद्दीन उर्फ लाला हिरासत में गांव में फोर्स तैनात

जन एक्सप्रेस/लखनऊ : मोहर्रम से एक दिन पहले राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद क्षेत्र के मिर्जागंज गांव से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां एक हकीम के घर से पुलिस ने भारी मात्रा में अवैध असलहा, कारतूस और शस्त्र निर्माण के उपकरण बरामद किए हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि यह घर थाने से महज 100 मीटर की दूरी पर स्थित है।
गुरुवार रात मलिहाबाद, रहीमाबाद और माल थाने की संयुक्त पुलिस टीम ने विशेष सूचना के आधार पर छापेमारी की। आरोपी हकीम सलाहुद्दीन उर्फ लाला के घर से लगभग 50 हजार कारतूस, 300 से अधिक 315 और 312 बोर के अवैध असलहे, पाउडर, बारूद, राइफल, माउजर और पिस्टल के साथ-साथ बारासिंघा की खाल तक बरामद की गई। यह भी पता चला है कि आरोपी इन हथियारों को खुद अपने घर में बनाता था और प्रदेश भर में सप्लाई करता था।
STF और ATS की टीमें जांच में जुटीं
छापेमारी के बाद पूरे गांव में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। एसटीएफ की टीम को भी मामले की तह तक जाने के लिए लगाया गया है। एडीसीपी पश्चिमी जितेंद्र दुबे ने बताया कि आरोपी सलाहुद्दीन को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है और उसके नेटवर्क की जानकारी जुटाई जा रही है। साथ ही उसके साथियों की भी तलाश की जा रही है।
कोई शक नहीं कर सका—थाने के बगल में चलता रहा कारोबार
बताया जा रहा है कि सलाहुद्दीन काफी समय से अवैध हथियारों की सप्लाई का धंधा कर रहा था। लेकिन उसका घर थाने के बेहद करीब होने के कारण कोई उस पर शक नहीं करता था। पुलिस को भी इसकी भनक नहीं लगी। उसके पास से कुछ विदेशी हथियार भी बरामद हुए हैं जिन्हें उसने अपने ‘शौक’ के लिए खरीदा था।
सामाजिक प्रतिष्ठा की आड़ में चल रहा था गैंग
स्थानीय लोगों के अनुसार सलाहुद्दीन पहले मलिहाबाद डाकघर के पास एक हकीम की क्लिनिक चलाता था। उसकी पत्नी एक समय पर सरकारी स्कूल में शिक्षिका रह चुकी हैं। उसकी एक बेटी नार्वे से पढ़ाई कर रही है और दूसरी लखनऊ की इंटीग्रल यूनिवर्सिटी से बीटेक कर रही है। उसकी सामाजिक स्थिति और पढ़े-लिखे परिवार के चलते किसी को इस काले कारोबार की भनक नहीं लगी।
अवैध नेटवर्क का पर्दाफाश, यूपी भर में फैला जाल
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि सलाहुद्दीन उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अवैध असलहे की सप्लाई करता था। पुलिस को शक है कि उसके संपर्क गैंगस्टर और माफिया नेटवर्क से भी हो सकते हैं।
आगे क्या?
• अवैध शस्त्र अधिनियम और वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज
• फोरेंसिक टीम हथियारों की जांच करेगी
• आरोपी के मोबाइल, बैंकिंग और सोशल नेटवर्क की पड़ताल शुरू
मलिहाबाद से उठी इस बड़ी कार्रवाई ने न सिर्फ पुलिस विभाग की सतर्कता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी उजागर किया है कि किस तरह आम दिखने वाले लोग, समाज के बीच रहकर गंभीर आपराधिक गतिविधियां अंजाम दे रहे हैं।
पूछता है जनएक्सप्रेस –
क्या हथियारों का काला कारोबार सिर्फ बंद गलियों तक सीमित नहीं, अब यह शहरों के भीतर, पुलिस की नाक के नीचे भी फल-फूल रहा है ?






