‘योग की तरंगें मस्तिष्क की गहराई में जाकर सकारात्मक परिवर्तन का मार्ग निर्मित करती है’
-परमार्थ निकेतन में 35वें अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के तीसरा दिन
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन में 35वें अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के तीसरे दिन स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा की योग की तरंगें मस्तिष्क की गहराई में जाकर सकारात्मक परिवर्तन का मार्ग निर्मित करती हैं।
परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश जी-20, अतुल्य भारत, पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से संस्कृति मंत्रालय, आयुष मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में यह 35वां अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव किया जा रहा है।
शुक्रवार को विशेष आध्यात्मिक सत्र में माइकल बर्नार्ड बेकविथ संस्थापक एगैप इंटरनेशनल स्पिरिचुअल सेंटर कैलिफोर्निया, अन्तरराष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक डा साध्वी भगवती सरस्वती, विख्यात आध्यात्मिक कार्यकर्ता शाउल डेविड रे, एंटोनियो ओक्सटे लियोन, योगाचार्य किआ मिलर ने योग प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं का समाधान किया।
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा योग के माध्यम से मस्तिष्क में दिव्य चेतना का संचार होता है। योग की तरंगें मस्तिष्क की गहराई में जाकर सकारात्मक परिवर्तन का मार्ग निर्मित करती है। योग चित्त शुद्धि और आहार शुद्धि का सर्वोत्तम मार्ग है। चित्त शुद्ध होगा तो विचार और व्यवहार दोनों ही शुद्ध और पवित्र होंगे जो आज की सबसे बड़ी जरूरत है। स्वामी जी ने योगियों को मिशन लाइफ का संदेश पर्यावरण अनुकूल परम्परागत जीवन शैली अपनाने का संदेश दिया।
डा. साध्वी भगवती सरस्वती ने योग जिज्ञासुओं को कहा कि आप सृष्टि का एक अटूट हिस्सा हैं इसलिये आप प्रकृति के साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा आप अपने लिये चाहते हैं। आप प्रकृति को वैसी ही प्रतिक्रिया दें जिस तरह से आप आपने लिये चाहते हैं यही आपकी सर्वोत्तम भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि हम में से प्रत्येक व्यक्ति परमात्मा की पूर्णता का एक संपूर्ण हिस्सा है, इस सूत्र को याद रखते हुए जीवन में आगे बढ़ते रहें।
माइकल बर्नार्ड बेकविथ ने कहा हम सभी को जीवन में कुछ ऐसी वस्तु चाहिये जो हमें ऊर्जा और स्फूर्ति प्रदान करें। आध्यात्मिकता और योग में अनंत संभावनाएं हैं, जिसके माध्यम से ऊर्जा और स्फूर्ति को प्राप्त किया जा सकता है। योग हमारे दायरे को बढ़ाता है, योग वह साधन है जो हमें साध्य बनाता है।
उन्होंने कहा कि जीवन की हर समस्या का समाधान है, जब आप खुद से पूछने की कोशिश करें तो अपनी सारी समस्याओं का समाधान स्वयं के पास ही मिलेगा।
शाउल डेविड रे ने कहा इस समय हम एक असंतुलन में जी रहे हैं। इस तरह की स्थिति में हम और नहीं रह सकते, इसलिये हमें परिवर्तन का हिस्सा बनना होगा जो केवल यौगिक जीवन पद्धति से ही आ सकता है।
एंटोनियो ओक्सटे लियोन ने कहा जीवन में कितनी ही बाधाएं क्यों न हों, हमें चलते रहने की जरूरत है। हम जानते है हमारा जीवन धरती माता के बिना सम्भव नहीं हो सकता, इसलिये हमें धरती माता के संरक्षण के साथ ही शांति और सद्भाव के साथ रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि धरती माता और हमारा शरीर एक दिव्य मंदिर है अतः इसकी देखभाल करने के लिए खुद से प्यार और सम्मान करने की आवश्यकता है।
आस्ट्रेलिया से आये योग जिज्ञासु जोनाथन ने कहा कि गंगा जी के तट पर योग नगरी, ऋषिकेश का यह दिव्य वातावरण ऊर्जा, स्पंदन और तरंगों से भरा हुआ है, आज इसकी ही पूरी दुनिया को जरूरत है। यह वातावरण हमें याद दिलाता है कि हम क्या हैं और हमें क्या करने की आवश्यकता है।
अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के तीसरे दिन संयुक्त राज्य अमेरिका से आये विश्व प्रसिद्ध कुंडलिनी योगाचार्य गुरुशब्द सिंह खालसा ने कुंडलिनी साधना, योगाचार्य टॉमी रोसेन ने फुल बॉडी ट्यून अप, स्टीवर्ट गिलक्रिस्ट ने योग वृक्ष, योगाचार्य इरा त्रिवेदी ने सूक्ष्म योग, योग प्रेम और नमामि योग के संस्थापक, प्रसिद्ध योगाचार्य और लेखक रोहिणी मनोहर ने ‘डांस ऑफ प्राण’ व ‘योग राग’, परमार्थ निकेतन से डॉ. इंदु शर्मा ने प्राणायाम और मुद्रा योग, बंगलौर के योगाचार्य एच.एस. अरुण ने ‘अनफोल्ड द फोल्ड’, अखंड योग संस्थान से प्रकाशिनी और योगऋषि विश्वकेतु ने ‘योग एक प्राचीन उपकरण’ ‘योग और आयुर्वेद’ योग गुरु और सत्व योग स्कूल के संस्थापक आनंद मेहरोत्रा ने ‘एक्सेस द फ्लो स्टेट’, द रेडिएंट वुमन वेलनेस प्रोग्राम्स की संस्थापक और एंथ्रोपोसोफिक नेचुरोपैथिक प्रैक्टिशनर, नाड़ी योग विशेषज्ञ दीपिका डेलमेनिको ने ‘मेटाबोलिक ब्लिस- द साउंड ऑफ आयुर्वेद’ का अभ्यास कराया।
स्वामी स्वात्मानंद ‘वैदिक ज्योतिष’, उरुग्वे की मारिया अलेजांद्रा अवचारियन जो एक आयुर्वेदिक मेडिसिन थेरेपिस्ट और आर्टिस्ट है। उन्होंने ’आयुर्वेेद के माध्यम से तनावमुक्ति’ लाइफस्टाइल मेडिसिन के विश्व-विख्यात मास्टर और होलिस्टिक हेल्थ कोच ट्रेनिंग प्रोग्राम के संस्थापक डॉ. एंड्रिया पैगे का सत्र, मेक्सिको के अबुएलो एंटोनियो ओक्सटे का सत्र, जापान के गुमी और हिरोको ने ‘बांसुरी वादन’ ‘भारतीय राग साउंड हीलिंग मेडिटेशन, एंड्रिया कैरानी ने लर्न हाउ टू लव योरसेल्फ अनकंडीशनली’, योगाचार्य जय हरि सिंह ने ‘अप योर कॉन्शसनेस’ रेकी मास्टर कृष्णप्रिया द्वारा महा मृत्युंजय मंत्र कार्यशाला का आयोजन हुआ, जिसमें सभी ने भारत की प्राचीन योग विद्या मलखम का आनन्द लिया।