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ये लक्षण हो सकता है हार्ट अटैक का संकेत

हार्ट अटैक के मामलों में भी कुछ ऐसे लक्षण शामिल होते हैं, जो कुछ बेहद सामान्य परिस्थितियों में भी दिखाई पड़ते हैं। यही कारण है कि लोगों को समझने में गलती हो जाती है। जैसे चक्कर आना हार्ट अटैक के आने का एक महत्त्वपूर्ण पूर्व संकेत होता है, लेकिन कई बार कमजोरी होने, या समय पर खाना न खाने, या शुगर के कम-ज्यादा होने से भी होता है। ऐसे में लोगों को गलतफहमी हो जाती है कि उन्हें चक्कर आने का सही कारण क्या है।

इसी प्रकार सीने में जलन या हल्का दर्द कई बार खाने में एसिडिटी होने के कारण भी हो जाता है। लेकिन यह हार्ट अटैक का सबसे गंभीर लक्षण माना जाता है। कई बार लोग इसे एसिडिटी से जोड़ लेते हैं और घरेलू स्तर पर उपचार करने की कोशिश करने लगते हैं। ऐसे में जब तक पीड़ित की हालत बहुत गंभीर नहीं हो जाती, वे अस्पताल तक नहीं जाते और तब तक इलाज मिलने में देर हो जाती है।

क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ

होली फैमिली हॉस्पिटल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अमिताभ यदुवंशी ने अमर उजाला से कहा कि सीने में जलन होना हृदय रोगों के सबसे गंभीर लक्षणों में से एक होता है। लेकिन लोग इसे सामान्य परेशानी समझ लेते हैं जिससे कई बार इलाज पाने में देरी हो जाती है और व्यक्ति की जान चली जाती है। लेकिन यदि ऐसे मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सके, तो इनकी जान बचाई जा सकती है।

उन्होंने कहा कि सीने में जकड़न, भारीपन महसूस होना, अपनी नाड़ी स्वयं को महसूस होने लगना, ऊपरी अंगों में दर्द होना, सीने में जलन होना, चक्कर आना और सामान्य से ज्यादा पसीना आने लगना हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं। ऐसी परिस्थिति में तुरंत नजदीकी अस्पताल तक पहुंचना चाहिए।

युवाओं में हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण

दुनियाभर में पुरुषों में हार्ट अटैक की परेशानी होने की औसत उम्र 64.5 वर्ष है, जबकि महिलाओं के लिए यह आयु 70.3 वर्ष है। लेकिन देखने में यह आ रहा है कि अब 20 साल से 50 साल की आयु के लोगों में भी हार्ट अटैक की समस्या खूब बढ़ रही है। इसका सबसे बड़ा कारण तनाव, अस्वास्थ्यप्रद खान पान और अनियमित जीवनशैली हो सकती है।

फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. निशीथ चंद्रा ने कहा कि युवाओं में हार्ट अटैक पड़ने के मामलों में सबसे ज्यादायही देखा जाता है कि उनकी किसी एक धमनी में ब्लॉकेज आ जाती है। यदि ऐसे मरीजों को समय पर एंजियोप्लास्टी कर दी जाए तो ऐसे युवाओं को बचाया जा सकता है।

एंजियोप्लास्टी में अवरुद्ध धमनी को एक गुब्बारे जैसी नलिका से चौड़ाकर रक्त प्रवाह सुनिश्चित किया जाता है। इस प्रक्रिया में एक स्टेंट भी डाला जाता है, जो धमनी को दोबारा अवरुद्ध होने से रोकने का काम करता है। लेकिन यह काफी प्रभावी होता है और एक बार एंजियोप्लास्टी होने के बाद लंबे समय तक मरीजों को उस स्थान पर ब्लॉकेज की समस्या नहीं होती।

टेस्ट होते रहें तो इलाज मिलने की संभावना

मैक्स सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. विवेक कुमार ने कहा कि खानपान की गलत आदतें, हाइपरटेंशन, डाइबिटीज और मोटापे की समस्याओं के कारण हार्ट अटैक की समस्या बढ़ती है। आहार और जीवनशैली में अपेक्षित बदलाव कर हार्ट अटैक की समस्या की संभावना को कम किया जा सकता है। यदि परिवार के सदस्यों में हार्ट अटैक, डाइबिटीज या हाइपरटेंशन का इतिहास रहा हो तो 30 वर्ष की आयु का हो जाने के बाद समय-समय पर इससे संबंधित टेस्ट कर हार्ट अटैक को सही समय पर पहचानने और इसका इलाज करने में मदद मिल सकती है।

 

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