हाईटेक होगी यूपी विधानसभा, माननीयों पर रहेगी एआई की नजर
विधानसभा कार्यों से लेकर विधायक-मंत्री के हर काम का लेखा-जोखा रखेगा एआई
1887 से अब तक कौन मंत्री किस मुद्दे पर कितना बोला? एआई सब बताएगा
-यूपी विधानसभा एआई से लैस देश की पहली ऐसी विधानसभा होगी
संतोष कुमार दीक्षित
राज्य मुख्यालय लखनऊ। देश-दुनिया में तेजी से तकनीक का तेजी से विस्तार हो रहा है। आज तकनीक जीवन के हर हिस्से का जरूरी अंग बन चुका है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश विधानसभा भी हाई टैक की राह पर चल पड़ी है। देश में सबसे खूबसूरत विधानसभा में तब्दील करने के बाद योगी सरकार विधानसभा को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) से लैस करने जा रही है।
विधायकों के हर काम पर रहेगी एआई की नजर
यूपी विधानसभा में एआई के जरिए विधायकों और मंत्रियों का सारा डाटा रखा जाएगा। सदन में उपस्थिति से लेकर माननीयों के कामकाज भी ख्याल रखा जाएगा। एआई तकनीक से शुरुआत का मकसद सत्र के दौरान विधानसभा और विधान मंडल में मंत्रियों और विधायकों की अधिक से अधिक मौजूदगी और सक्रिय भागीदारी को निर्धारण करना है।
नए रंग-रूप में नजर आएगी विस की वेबसाइट
डिजिटल हो रही यूपी विधानसभा की जल्द की नए क्लेवर में वेसाइट नजर आगएी। जिसमें कई तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे। 1887 से लेकर अबतक के रिकॉर्ड को स्टोर करने के लिए एआई का इस्तेमाल किया जाएगा। बीते करीब 137 वर्ष में विधानसभा के अंदर क्या हुआ? किस नेता ने क्या बयान दिया। उन सभी के रिकॉर्ड को स्टोर किया जाएगा।
क्लिक करते ही मिलेगी सारी जानकारी
कुछ माह के अंदर डाटा स्टोर करने का सारा काम कर लिया जाएगा। उसके बाद आपको की बर्ड टाइप करना होगा और विधानसभा की सारी जानकारी आपके सामने स्क्रीन पर होगी। जिस सब्जेक्ट की जानकारी चाहिए उसके बारे में विधानसभा की शुरुआत से लेकर अब तक पुराना डाटा सामने आ जाएगा।
हर गतिविधि पर एआई से नजर: महाना
विधानसभ अध्यक्ष सतीश महाना ने बताया कि विधानसभा राज्य की छवि का निर्धारण करती है। जाहिर है यहां जो भी घटनाक्रम होगा उसका असर प्रदेश पर पड़ता है। महाना ने कहा मंत्री-विधायक मुद्दों पर चर्चा करने आते हैं, लेकिन उसके बाद फिर चले जाते हैं। इससे सदन की मर्यादा को ठेस पहुंचती है। आखिर ये सदन प्रदेश के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए ही बना है। सदन में कौन-मंत्री कब आया कब गया… इसका पूरा ख्याल अब एआई रखेगा। मंत्री के बैठने से लेकर बोलने तक उनके चहरे के हाव-भाव भी एआई दिखाएगा।
मुख्यमंत्री बैठ सकते हैं तो विधायक मंत्री क्यों नहीं
विस अध्यक्ष सतीश महाना ने एमएलए पर कटाक्ष करते हुए अक्सर देखने में आता है कि मंत्री और विधायक सत्र के दौरान सवाल-जवाब देकर आते-जाते रहते हैं। जब सीएम योगी सदन में लगातार लंबे समय तक बैठ सकते हैं तो फिर अन्य मंत्री या विधायक क्यों नहीं? क्या अन्य सदस्य और मंत्री साल में 20 दिन भी विधानसभा में उपस्थित दर्ज नहीं करा सकते।