टल सकती है यूपी बोर्ड की परीक्षा? महाकुंभ मेले के कारण असमंजस की स्थिति
प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ और यूपी बोर्ड परीक्षा साथ-साथ होने के कारण असमंजस की स्थिति बन गई है
जन एक्सप्रेस, लखनऊ: प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ और यूपी बोर्ड परीक्षा साथ-साथ होने के कारण असमंजस की स्थिति बन गई है। मामला हाई कोर्ट तक पहुंच गया है। न्यायालय ने इसे गंभीरता से लिया है। संभव है कि परीक्षा की डेट में बदलाव किया जाए।
यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 24 फरवरी से 12 मार्च 2025 तक आयोजित की जानी है। इस बीच बोर्ड परीक्षा टलने की संभावना नजर आने लगी है। कुंभ मेले के लिए एक निजी कॉलेज के भवन को जिलाधिकारी द्वारा अधिगृहीत किए जाने का मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया है। हाईकोर्ट ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए राज्य के अपर मुख्य गृह और अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति अजित कुमार ने पूछा है कि कॉलेज के भवन का हिस्सा अधिगृहीत किए जाने के बाद बोर्ड परीक्षा कैसे कराएंगे। परीक्षा सुविधाएं कैसे उपलब्ध होंगी? महिला ग्राम इंटर कॉलेज सुबेदारगंज, प्रयागराज की प्रबंध समिति व अन्य ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याची का कहना है कि उनका विद्यालय मान्यताप्राप्त और एडेड है। जिसमें कक्षा एक से आठवीं तक निशुल्क शिक्षा दी जाती है।
फरवरी-मार्च 2025 में बोर्ड परीक्षा होनी है। लेकिन जिलाधिकारी ने डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत माघ मेला में फोर्स रखने के लिए विद्यालय के आठ कमरों व संसाधन का जबरन अधिग्रहण कर लिया है। याची का कहना है कि शहर में मेला क्षेत्र के समीप कई कॉलेज और उनके खाली मैदान मौजूद हैं। लेकिन उनका अधिग्रहण न करके याची के साथ भेदभाव किया गया है। इस कदम से छात्राओं के साथ प्रबंधन को भी परेशानी होगी। बिना नोटिस के अधिग्रहण करना मनमाना है।
मेले के कारण छात्रों को परेशानी नहीं होनी चाहिए
मामले पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि जिलाधिकारी को आपात स्थिति का सामना करने के लिए किसी भी भवन को अधिग्रहण करने का अधिकार है। मेले के आयोजन के लिए प्रयागराज शहर के 48 कॉलेजों का 1 नवंबर 2024 से 2 मार्च 2025 के लिए आंशिक अधिग्रहण किया गया है। सिर्फ अल्पसंख्यक विद्यालयों को इससे अलग रखा गया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि ‘इसी दौरान बोर्ड परीक्षा होनी है। क्या सरकार परीक्षा शिफ्ट करेगी? मेले के कारण छात्रों को परेशानी नहीं होनी चाहिए।’ जिस पर दोनों अपर मुख्य सचिवों से हलफनामा मांगा है। अदालत ने कहा है कि यदि हलफनामा नहीं दिया गया तो राज्य के अपर मुख्य गृह और अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा को 17 दिसंबर को अगली सुनवाई पर उपस्थित होना होगा।