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यूपी में गो-तस्करी बना खूनी खेल: पुलिस से भिड़ंत में तस्कर ढेर, एक जवान शहीद

जन एक्सप्रेस/जौनपुर: उत्तर प्रदेश के जौनपुर में शनिवार की रात गो-तस्करों और पुलिस के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई। करीब 60 किलोमीटर तक पीछा, फायरिंग, और जबरदस्त घेराबंदी के बाद पुलिस ने एक कुख्यात गो-तस्कर सलमान को ढेर कर दिया, लेकिन इस कार्रवाई में एक हेड कांस्टेबल शहीद हो गया, जबकि एक महिला कांस्टेबल गंभीर रूप से घायल हो गई।

शुरुआत नाकेबंदी से, पर बदमाशों ने दौड़ा दी मौत की पिकअप!

घटना शनिवार रात 12 बजे के आसपास की है, जब चंदवक थाना क्षेत्र के खुज्जी मोड़ पर पुलिस ने नाकाबंदी की थी। सूचना थी कि वाराणसी की ओर से पशु तस्कर आजमगढ़ जा रहे हैं। जैसे ही संदिग्ध पिकअप आई, पुलिस ने उसे रोकने का प्रयास किया। लेकिन तस्करों ने गाड़ी रुकाने के बजाय पुलिस पर ही चढ़ा दी। इस हमले में एक हेड कांस्टेबल की मौके पर ही मौत हो गई।

100 की रफ्तार से भागते रहे तस्कर, रेलवे क्रॉसिंग का गेट भी तोड़ा!

घटना के बाद तस्करों ने 80 से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से फरार होने की कोशिश की। रास्ते में रेलवे फाटक तक तोड़ डाला, लेकिन पुलिस पीछे-पीछे लगी रही। जिले भर में नाकेबंदी कर दी गई और आखिरकार 60 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद बदमाशों की घेराबंदी हो पाई।

फायरिंग का जवाब फायरिंग से सलमान ढेर, दो गिरफ्तार

पुलिस ने बदमाशों को सरेंडर करने को कहा, लेकिन तस्करों ने जवाब में फायरिंग शुरू कर दी। आत्मरक्षार्थ पुलिस ने भी गोलियां चलाईं, जिसमें मुख्य तस्कर सलमान मारा गया। वहीं, नरेन्द्र और गोलू यादव नामक दो अन्य तस्कर पैरों में गोली लगने से घायल हुए और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

साथ में एसओजी, कई थानों की पुलिस भी शामिल

इस मुठभेड़ में चंदवक और चोलापुर थानों के साथ-साथ एसओजी टीम भी शामिल थी। मारे गए और गिरफ्तार बदमाश वाराणसी के निवासी बताए जा रहे हैं। घायल तस्करों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि घायल महिला कांस्टेबल का इलाज चल रहा है।

शहादत से गूंजा पुलिस महकमा – डीजीपी तक ने लिया संज्ञान

फ़ाइल फ़ोटो (मृतक) हे. कां. दुर्गेश कुमार सिंह

हेड कांस्टेबल दुर्गेश कुमार सिंह की शहादत के बाद पुलिस विभाग में शोक की लहर है। डीजीपी कार्यालय ने रिपोर्ट तलब कर ली है, और गिरफ्तार तस्करों पर रासुका समेत सख्त धाराएं लगाने की तैयारी है।

सवाल बड़ा है – क्या गो-तस्करी अब संगठित अपराध से भी खतरनाक हो गई है?

एक बार फिर गो-तस्करी ने साबित कर दिया कि ये महज अवैध व्यापार नहीं, जानलेवा गैंग वॉर जैसा बन चुका है।

जब पुलिस तक सुरक्षित नहीं, तो आम जनता कैसे सुरक्षित रहेगी?

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