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जिम्मेदार बने अनजान! सड़कों पर दौड़ रहे लकड़ी से लदे वाहन

ओवरलोड वाहनों पर आडे तिरछे लदे लकड़ी के बोटो से कभी भी हो सकती बड़ी दुर्घटना, जिम्मेदारों द्वारा नहीं होती कोई कार्यवाही

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जन एक्सप्रेस/राजेश पाल

बाजार शुक्ल/ अमेठी। कस्बे से गुजरते लकड़ी से लदे व माल ढोने वाले वाहनों की ओवरलोडिंग एक बहुत बड़ी समस्या है। क्षेत्र में ऐसे ओवरलोड वाहन सरेआम बिना किसी डर के सड़कों पर दौड़ते देखे जा रहे हैं। इन पर कोई नकेल नहीं कसी जाती जबकि पुलिस की आंखों के सामने दौड़ते ये लकड़ी से लदे ओवरलोड लोगों के लिए उनकी जान का खतरा बने हुए देखे जाते हैं।ओवरलोड वाहन लोगों को तो नजर आ जाते हैं लेकिन पुलिस को क्यों नहीं दिखाई देते? यह एक बड़ा सवाल है।

ओवरलोडिंग के चलते क्षेत्र में आए दिन कोई न कोई बड़ा हादसा देखा या सुना जाता है। लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती और न ही इनसे कोई सबक सीखा जाता। इसमें समाज और पुलिस दोनों बराबर के जिम्मेदार हैं। क्योंकि आम लोग इसके खिलाफ आवाज नहीं उठाते और पुलिस अधिकारी या आरटीओ डिपार्टमेंट इनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता। यहीं कारण है कि यह ओवरलोड वाहन बिना किसी डर के सड़कों पर दौड़ते हैं।

क्षेत्र वासियों का आरोप

लकड़ी से लदी ट्रॉली भट्ठों से ईंट मार्केटिंग मालवाहक ट्रांसपोर्ट सब्जी वाले हों या गन्ने से लदे वाहन सबसे ज्यादा ओवरलोड होकर चलते हैं। वहीं ऑटो चालक भी ज्यादा सवारियां लादकर कर चलते हैं और ऑटो चालक के पास सीधा देखने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं होता। पीछे से या साइडों से आने वाले वाहन उन्हें दिखाई नहीं देते। इस कारण यह ऑटो चालक एकदम ऑटो को कहीं भी मोड़ देते हैं और बिना देखे कहीं भी ब्रेक मार देते हैं। छोटे हाथी हो या फिर सामान ढोने वाली जीप सभी कम समय में ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में ओवरलोड होकर चलते हैं।

इसकी तरफ प्रशासन की ओर से ध्यान देने की जरूरत है।ओवरलोडिंग में शामिल ऐसे वाहन चालकों को ओवरलोड रोकने वाले महकमों का पूरा संरक्षण मिल रहा है और इसके एवज में उनकी चांदी कट रही है। जिससे उनके द्वारा ओवरलोडिंग में शामिल वाहनों पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। जिसको लेकर जनता में बेहद आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने उच्च अधिकारियों से ओवरलोडिंग में लिप्त वाहनों के खिलाफ ठोस कार्रवाही किए जाने की मांग की है।

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