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‘विभ्रम’ ड्रोन हेलीकॉप्टर हवाई सीमाओं को पुख्ता करने में है कामयाब

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जन एक्सप्रेस संवाददाता
कानपुर नगर। कानपुर आईआईटी ने कोरोना काल में एक और अविष्कार किया है। आईआईटी द्वारा ‘विभ्रम’ नाम के एक ड्रोन हेलीकॉप्टर बनाया है जो कई घण्टों तक हवा में उडक़र देश की सीमाओं पर दुश्मनों की हर नापाक हरकत की निगरानी कर सकता है। आने वाले समय में इसका उपयोग सेना भी कर सकती है।
कानपुर आईआईटी अपने आविष्कारों के लिए देश-विदेश में हमेशा चर्चा का विषय बना रहता है। यहां प्रोफेसर से लेकर पढऩे वाले छात्र-छात्राएं समय के साथ कुछ न कुछ अविष्कार कर देश का मान बढ़ाते रहते हैं। इसी कड़ी में आईआईटी कानपुर में एरोस्पेस विभाग के प्रोफेसर अभिषेक ने अपनी टीम के साथ मिलकर ‘विभ्रम’ नाम का एक एडवांस ड्रोन हेलीकॉप्टर तैयार किया है। बातचीत के दौरान प्रोफेसर अभिषेक ने बताया कि इस ड्रोन पर बीते एक साल से काम किया जा रहा है। जिसके बाद यह तैयार किया जा सका।
उन्होंने बताया कि अभी इसका अंतिम स्वरूप एक महीने में तैयार हो जाएगा। इस हेलीकॉप्टर की खास बात यह है कि एक बार पेट्रोल भरने के बाद इसको 100 किलोमीटर तक चलाया जा सकता है जिससे यह आसमान में एक जगह चार घण्टे तक उड़ सकता है। प्रोफेसर ने बताया कि इसका नाम ‘विभ्रम’ इस वजह से रखा गया है क्योंकि यह लम्बे समय तक आसमान में विचरण कर सकता है। मौजूदा समय में इस हेलीकॉप्टर को बनाने का मुख्य उद्देश्य सर्विलांस और देश की सीमाओं पर आतंकी गतिधियों के साथ ही ट्रैफिक कंट्रोल है। प्रो. अभिषेक ने बताया कि आईआईटी द्वारा इसका प्रपोजल सरकार में भेज दिया गया है बहुत जल्द वहां से स्वीकृति की मिलने के बाद इसको सेना के बेढ़े में भी शामिल करने की उम्मीद है।
विभ्रम की खासियत
वैसे तो मार्केट में कई यूएबी हैं, पर इस ड्रोन हेलीकॉप्टर में कई और ऐसी खासियत हैं जो इसको औरों से अलग बनाती हैं। इसको पेट्रोल मॉडल में बनाया है जिससे इसकी छमता अन्य हैलीकॉप्टर से अलग हैं। इस हैलीकॉप्टर में तीन लीटर पेट्रोल पड़ सकता है जिसके बाद यह 50 किलोमीटर जाकर उसी जगह वापस आ सकता है। सबसे बड़ी बात यह है कि छोटा सा हेलीकॉप्टर अपने वजन के साथ पांच किलो भार को आसमान में ले जाने में सक्षम है।
देश की सीमाओं पर कर सकेंगे निगरानी
‘विभ्रम’ की सबसे अच्छी खासयित की बात अगर की जाए तो छोटा होने के चलते यह हेलीकॉप्टर जल्द रेडार की रेंज में नहीं आता है। जिससे इसके द्वारा अच्छे विजन के कैमरों के साथ देश की सीमाओं पर निगरानी भी कर सकते हैं। 11 हजार फीट से भी ऊपर उडऩे वाला यह हेलीकॉप्टर कहीं न कहीं इस कोरोना काल में आम लोगों के लिए भी काफी काम आ सकता है।
पहाड़ी इलाकों में
सेना कर सकती है इसका उपयोग
इस हेलीकॉप्टर का पहाड़ी इलाकों में काफी उपयोग किया जा सकता है। ऐसी जगह जहां रास्ते नहीं हैं और वाहनों का पहुंच पाना भी मुश्किल है, वहां इससे पांच किलो तक का सामान पहुंचाया जा सकता है, जिसमें मेडिसीन, दुश्मनों से मिलने के लिए गोलियां व बारुद भी शामिल है। वहीं, किसी इलाके में अगर आग लग गई है तो उसकी जानकारी जल्द सही जगह पहुंच सकती है जिससे उस पर कंट्रोल किया का सकता है।

 

 

 

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