ग्रामीणों का खनन माफियाओं के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन
राहुल गांधी के ड्रीम प्रोजेक्ट पर संकट, प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग

जन एक्सप्रेस अमेठी: तहसील के नुवावा गांव में ग्रामीणों ने रविवार को जोरदार प्रदर्शन कर राहुल गांधी के ड्रीम प्रोजेक्ट समदा तालाब को बचाने की मांग की। ग्रामीणों का आरोप है कि खनन माफिया तालाब की जमीन पर अवैध कब्जा कर लगातार खनन कर रहे हैं, जिससे यह पर्यावरणीय धरोहर और बहुमूल्य परियोजना बर्बादी की कगार पर पहुँच गई है।
प्रदर्शन में शामिल लोगों ने “समदा तालाब बचाओ”, “खनन माफिया मुर्दाबाद” जैसे नारे लगाकर अपना रोष जाहिर किया और चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने शीघ्र कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो वे बड़ा जनांदोलन शुरू करेंगे।
2008 में राहुल गांधी ने की थी पहल, बना था पक्षी विहार का स्वरूप मनरेगा के तहत 2.18 करोड़ की लागत से हुआ था तालाब का विकास
इस ऐतिहासिक परियोजना की नींव खुद राहुल गांधी ने 2008 में भूमि पूजन कर रखी थी और उन्होंने खुद फावड़ा चलाकर कार्य की शुरुआत की थी। मनरेगा योजना के अंतर्गत लगभग 2 करोड़ 18 लाख रुपये की लागत से समदा तालाब के अंदर 41 छोटे-छोटे तालाब बनाए गए थे, जिनका उद्देश्य वर्षा जल संचयन, भूजल रिचार्ज और जैव विविधता को बढ़ावा देना था।
समय के साथ यह स्थान एक पक्षी विहार और पर्यावरण संरक्षण के प्रतीक के रूप में उभरा, लेकिन अब खनन माफिया की सक्रियता और प्रशासन की निष्क्रियता के चलते यह परियोजना संकट में आ गई है। ग्रामीणों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि इस परियोजना को तत्काल संरक्षित घोषित कर खनन पर पूर्ण रोक लगाई जाए,
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