जम्मू कश्मीरनई दिल्ली

पहलगाम आतंकी हमला,देशभर में आक्रोश, पाकिस्तान पर मंडराया भारत के जवाबी हमले का डर

जन एक्सप्रेस/नई दिल्ली; जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए दर्दनाक आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में इस्लामिक आतंकियों ने हिंदू पर्यटकों की पहचान करने के बाद अंधाधुंध गोलियां चलाईं, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक घायल हैं। घटना के बाद पूरे भारत में आक्रोश की लहर है और हर तरफ से पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठ रही है।

हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है, जो प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा और ISI की शह पर काम करता है। इस हमले ने एक बार फिर से भारत-पाक संबंधों को युद्ध के मुहाने पर ला खड़ा किया है।

पाकिस्तान में खौफ: सीमा पर बढ़ी हलचल, सेना अलर्ट

हमले के बाद पाकिस्तान में हलचल तेज हो गई है। पाक आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर ने आपातकालीन बैठक बुलाई, जिसमें थल, वायु और नौसेना प्रमुखों ने हिस्सा लिया। 18 फाइटर जेट्स को कराची से उठाकर लाहौर और रावलपिंडी भेजा गया, जिससे यह साफ हो गया कि पाकिस्तान को भारत के जवाबी हमले की आशंका सता रही है।

सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान को इस बात का डर सबसे ज्यादा है कि भारत पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) में स्थित लश्कर-ए-तैयबा के लॉन्च पैड्स को टारगेट कर सकता है। इसी डर में एलओसी पर भारी सैन्य तैनाती की गई है।

पाकिस्तान का बचाव, भारत पर ही आरोप

इस पूरे प्रकरण में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का बयान भी चौंकाने वाला रहा। उन्होंने हमले से खुद को अलग करते हुए उल्टा भारत को ही इसका जिम्मेदार ठहराया और कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों के कथित शोषण के चलते ही ऐसा हमला हुआ है। उनके इस बयान ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है।

क्या होगी भारत की अगली कार्रवाई?

भारत सरकार ने अब तक आधिकारिक तौर पर किसी जवाबी हमले की घोषणा नहीं की है, लेकिन खुफिया एजेंसियों की नजर पाकिस्तान की हर गतिविधि पर है। प्रधानमंत्री कार्यालय और रक्षा मंत्रालय में लगातार उच्च स्तरीय बैठकें चल रही हैं। उम्मीद है कि भारत इस बार आतंक के खिलाफ कड़ा सैन्य और रणनीतिक जवाब दे सकता है।

पहलगाम हमले ने देश की आत्मा को झकझोरा है और पाकिस्तान की भूमिका को एक बार फिर कटघरे में खड़ा कर दिया है। अब निगाहें भारत की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं, जो इस बार सिर्फ शब्दों तक सीमित नहीं रह सकती।

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