BJP ने पूर्व और पूर्वोत्तर पर क्यों साध लीं नजरें
नई दिल्ली: 2024 लोकसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी तैयारियों में जुटी हुई है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा लगातार राज्यों के दौरे कर रहे हैं। अगर इन दिग्गजों के सियासी चहलकदमी को देखें, तो लग रहा है कि भाजपा पूर्व और पूर्वोत्तर में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है।
शाह और नड्डा के दौरे पर एक नजर
सितंबर के आखिरी सप्ताह में नड्डा ओडिशा पहुंचे थे। अगस्त में शाह ओडिशा पहुंचे और अब खबर है कि भाजपा अध्यक्ष एक बार फिर राज्य का दौरा करने वाले हैं। इसके अलावा आने वाले दो दिनों में दोनों नेता असम, सिक्किम में भी भाजपा मुख्यालय की शुरुआत करने वाले हैं। खास बात है कि साल 2023 में त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय में चुनाव होने वाले हैं। पार्टी निश्चित रूप से विधानसभा चुनाव के लिए तीन राज्यों पर ध्यान लगाएगी। वहीं, ओडिशा और असम के दौरे भाजपा की 2024 चुनाव की तैयारियों से जुड़े हैं। आंकड़ों में समझें तो ओडिशा से पूर्वोत्तर राज्यों में 88 लोकसभा सीटें हैं। साल 2019 में भाजपा ने यहां 40 सीटें जीती और अब खबरें हैं कि पार्टी इस संख्या को बढ़ाना चाहती है।
2019 में इन राज्यों में क्या थी स्थिति
ओडिशा (21 सीटें): बीजू जनता दल यानी BJD ने 12 सीटें जीती। जबकि, भाजपा के खाते में 8 और कांग्रेस के पास 1 सीट आई।
असम (14 सीट): यहां भाजपा को 9 सीटें मिली। राज्य में कांग्रेस 3 सीटें जीतने में सफल रही। इधर, ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) और निर्दलीय उम्मीदवार को एक-एक सीट मिली।
पश्चिम बंगाल (42 सीटें): यहां भाजपा ने 18 सीटें जीती थीं, लेकिन 22 सीटों पर जीत के साथ तृणमूल कांग्रेस पहले नंबर पर रही। उस दौरान कांग्रेस को 2 सीटें मिली थी।
त्रिपुरा (2 सीटें): भाजपा को दोनों सीटें जीतने में सफलता मिली।
मेघालय (2 सीटें): यहां एक सीट कांग्रेस ने जीती और एक सीट पर नेशनल पीपुल्स पार्टी को सफलता मिली।
मणिपुर (2 सीटें): यहां भाजपा ने एक सीट पर जीत का परचम लहराया। जबकि, नगा पीपुल्स फ्रंट को एक सीट पर जीत मिली।
मिजोरम (1 सीट): राज्य की एक सीट पर मिजो नेशनल फ्रंट ने जीत हासिल की थी।
नगालैंड (1 सीट): नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी को जीत मिली।
अरुणाचल प्रदेश (2 सीटें): राज्य में दोनों सीटें भाजपा के खाते में गईं।
सिक्किम (1 सीट): राज्य की एकमात्र सीट पर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा को जीत मिली।
क्यों मेहनत कर रही है भाजपा?
भाजपा के राज्यसभा सांसद स्वपन्न दासगुप्ता बताते हैं, ‘भारत में भाजपा की मौजूदगी एक समान होनी चाहिए। हम गुजरात, उत्तर प्रदेश और पश्चिम के राज्यों में अच्छा कर रहे हैं। हम उत्तर में मौजूद हैं, लेकिन हमें इसे बढ़ाना होगा।