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क्या भारत में बंद हो जायेगा व्हाट्सऐप ?

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हम सभी व्हाट्सऐप से परिचित है। यह मेटा स्वामित्व वाली एक मैसेजिंग के साथ-साथ ऑडियो और वीडियो कॉलिंग के लिए एकदम मुफ़्त सेवा प्रदान करने वाला ऐप है। केवल इंटरनेट के सहारे इसका प्रयोग किया जा सकता है। व्हाट्सऐप का उपयोग 180 से अधिक देशों में किया जाता है। इसका इस्तेमाल 2 बिलियन से ज़्यादा लोग अपने अलग-अलग कार्यों के लिए सूचना के आदान-प्रदान हेतु कर रहे है। यह दुनिया का सबसे फास्ट मैसेजिंग ऐप है। प्ले स्टोर से यह सबसे ज्यादा डाऊनलोड किया जाने वाले ऐप में चौथे नम्बर पर हैं। व्हाट्सऐप का सबसे बड़ा मार्किट भारत है। भारत मे करीब 50 करोड़ लोग व्हाट्सऐप का इस्तेमाल करते है।
वर्ष 2009 में व्हाट्सऐप की शुरुआत एक इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप के तौर पर हुई थी। इस ऐप को ब्रायन एक्टन और जेन कूम ने मिलकर लॉन्च किया था। दोनों याहू के पूर्व कर्मचारी है। दोनो ने याहू को सितंबर 2007 मे छोड़ दिया था और अमेरिका चले गए। 24 फरवरी 2009 को अमेरिका के कैलिफोर्निया में  व्हाट्सऐप का अविष्कार किया।
 इस ऐप का विचार जान कूम के मन में आया, जो कीव (यूक्रेन, यूएसएसआर) में पले-बढ़े थे। कूम के माता-पिता टेलीफोन पर बातचीत करने से बचते थे क्योंकि कम्युनिस्ट अधिकारियों द्वारा उनकी जासूसी की जाती थी। कूम को इस घटना पर पूरा ध्यान था। वे चाहते थे कि ऐसा कुछ विशेष किया जाय जिससे मैसेज चैट के तौर जानकारी आदान-प्रदान हो एवं वह सुरक्षित हो तथा संग्रहित न हो। इस बात को उन्होंने अपने मित्रों से भी शेयर की और बहुत मेहनत भी किये। उनके मेहनत का ही फल है – व्हाट्सऐप। अन्य ऐप्स के विपरीत, व्हाट्सएप केवल रजिस्टर करने के लिए एक टेलीफोन नंबर मांगता है और उपयोगकर्ताओं के बीच भेजे गए संदेशों को संग्रहीत नहीं करता है। इसमें धीरे-धीरे बदलते समय के साथ कई फीचर भी जोड़े गये हैं। वर्ष 2014 में फेसबुक ने 21 बिलियन डॉलर रुपये में इसको खरीद लिया। अब इसके मालिक मार्क जुकरबर्ग है। बीते साल ही हुए मेटा के एक कार्यक्रम में कंपनी के सी. ई.ओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा था – भारत एक ऐसा देश है, जो सबसे आगे है। आप इस मामले में दुनिया की अगुवाई कर रहे हैं कि लोगों और कारोबारों ने कैसे मैसेजिंग को अपनाया है।
व्हाट्सऐप और भारत सरकार के बीच लम्बे समय से लड़ाई चल रही है। ऐसा लग रहा यह लड़ाई अब अपने अंतिम चरण में पहुँच चुकी है यही कारण है कि व्हाट्सऐप ने अब भारत छोड़ने की बात तक कह दी है। व्हाट्सएप की ओर से इस बयान के बाद इसपर बहस तेज हो गई है। दरअसल बात यह है कि भारत सरकार बार-बार कह रही कि किसी भी ऐप को भारत में सेवा देने हेतु यहाँ के रूल्स के अनुसार चलना होगा। केंद्र सरकार ने 25 फरवरी, 2021 को ‘इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी’ (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल्स, 2021 के अनुसार सभी सोशल मीडिया कंपनियों को आईटी के नियमों का पालन करना होगा। इसी क्रम में यदि किसी मैसेज को लेकर शिकायत की जाती है तो व्हाट्सऐप को भी मैसेज के सोर्स के बारे में पूरी जानकारी देनी होगी की कोई भी मैसेज पहली बार कब और कहां से भेजा गया था या प्राप्त किया गया था।
इधर कम्पनी ने दिल्ली हइकोर्ट में कहा है कि
व्हाट्सएप का इस्तेमाल लोग इसलिए करते हैं क्योंकि यह एन्क्रिप्टेड है और लोग इसकी प्राइवेसी पर पूरा भरोसा करते है। व्हाट्सऐप प्रयोग करने वाले ये जानते हैं कि व्हाट्सऐप पर भेजे गए मैसेज एंड टू एंड एन्क्रिप्टेड होते हैं। ऐसे में उनके मैसेज को कोई भी नहीं पढ़ सकता है, लेकिन एन्क्रिप्शन तोड़ने के बाद इसकी प्राइवेसी खत्म हो जाएगी। दरअसल, कोर्ट में व्हाट्सऐप और उसकी पैरेंट कंपनी फेसबुक अब मेटा की याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है, जिसमें इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के नियमों को चुनौती दी गई है।
कंपनी के तरफ से कोर्ट में पेश हुए तेजस कारिया ने डिविजन बेंच से कहा, एक प्लेटफॉर्म के तौर पर हम कह रहे हैं कि अगर हमें एनक्रिप्शन तोड़ने के लिए कहा गया, तो व्हाट्सऐप भारत से चला जाएगा।
एन्क्रिप्शन का अर्थ यह है कि किसी को प्रेषित किये गए मैसेज की जानकारी केवल दो लोगो को है एक भेजने वाले को और दूसरा प्राप्त करने वाले को। इसके अलावा तीसरे किसी को इसकी जानकारी नहीं होती। यहाँ तक कि कंपनी के पास भी इस मैसेज की जानकारी नहीं होती है।
 तेजस कारिया ने सुनवाई कर रही मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायाधीश मनमीत प्रीतम सिंह अरोरा वाली बेंच को यह भी बताया कि दरअसल हमें इस प्रक्रिया के लिए एक पूरी चेन रखनी होगी, और हमें नहीं पता है कि कौन से मैसेज को डिक्रिप्ट करने के लिए कहा जाएगा। इस नियमानुसार हमें करोड़ों मैसेज को सालों तक स्टोर करके रखना होगा।
वही बेंच ने व्हाट्सऐप से पूछा कि क्या दूसरे देशों में भी ऐसे नियम हैं ?  जिसके जवाब में व्हाट्सऐप की ओर से तेजस कारिया ने कहा – नहीं, ऐसा कोई नियम दुनिया में कहीं भी नहीं है यहां तक यह नियम ब्राजील में भी नहीं है।
पूरे मामले में एक पक्ष जहां लोगों के निजता के अधिकार को लेकर अपनी दलील दे रहा है तो वही दूसरा पक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सरकार की जरूरत पर अपनी बात रख रहा है। दोनों के बीच किस तरह से बैलेंस बनाया जाए, इसको लेकर चर्चा तेज है। वही अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी। अगली सुनवाई में व्हाट्सऐप को लेकर क्या फैसला आता है यह देखना दिलचस्प होगा।
                   
✍️ राजीव नन्दन मिश्र
      सरना, शाहपुर, भोजपुर
       बिहार, मो० – 7004235870

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