महिलाओं को उद्यमिता व नेतृत्व पोषण के लिए इको सिस्टम की जरूरत: डॉ महेंद्रभाई
नई दिल्ली। भारत की अध्यक्षता में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की दूसरी जी-20 सशक्तिकरण पर दो दिवसीय बैठक तिरुवनंतपुरम में बुधवार से शुरू हो गई। इस बैठक के पहले दिन महिला सशक्तिकरण : निवेश और अर्थव्यवस्था सभी के लिए लाभदायक’ विषय पर चर्चा की गई।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मुंजपरा महेंद्रभाई ने दो दिवसीय सशक्तिकरण सम्मेलन के प्रतिनिधियों, पैनलिस्टों और प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि देश में एक ऐसा इकोसिस्टम बनाने की दिशा में काम करने की आवश्यकता है, जो महिलाओं की उद्यमिता और नेतृत्व को पोषित करता है। राज्य मंत्री ने कहा कि ध्यान देने वाले प्रमुख क्षेत्रों में से एक महिला उद्यमिता है, जिसे भारत लैंगिक समानता और आर्थिक विकास प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण मानता है।
डॉ. मुंजपरा महेंद्रभाई ने कहा कि भारत ने पहले ही इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है, 230 मिलियन से अधिक महिलाओं ने व्यवसाय ऋण प्राप्त किया है, जिससे भारत में जमीनी स्तर पर उद्यमिता के अवसर पैदा हुए हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए 257 मिलियन से अधिक जन धन बैंक खाते खोले गए, वित्तीय सेवाओं तक पहुंच बढ़ाई गई और डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन दिया गया। डॉ. महेन्द्रभाई ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों में स्थायी कमीशन प्राप्त करने वाली लगभग 2091 महिला अधिकारियों के साथ सशस्त्र बलों जैसे गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में महिला नेतृत्व का समर्थन करने का देश का एक मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड है।
इस मौके पर महिला एवं बाल विकास सचिव इंदेवर पांडे ने कहा कि कैसे भारत सरकार की एक प्रमुख योजना, आयुष्मान भारत (एबी), भारत की, 500 मिलियन से अधिक नागरिकों को निःशुल्क उपचार प्रदान करके प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्तर पर स्वास्थ्य सेवा प्रणाली (रोकथाम, प्रचार और एम्बुलेंस देखभाल को कवर करती है) को संबोधित करती है, जिनमें से 49.3 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं। इसके अलावा, 82.7 मिलियन महिलाओं को स्तन कैंसर के लिए और 56.6 मिलियन महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर के लिए निःशुल्क स्कैन किया गया है।