एनरॉलमेंट के लिए बीसीडी की शर्तों को हाई कोर्ट में चुनौती, बीसीआई को भी पक्षकार बनाने का निर्देश

नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर दिल्ली बार काउंसिल (बीसीडी) के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें वकीलों को अपना एनरॉलमेंट कराने के लिए दिल्ली-एनसीआर के पते वाले आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र को अनिवार्य किया गया है। जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वे इस याचिका में बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) को भी पक्षकार बनाएं। मामले की अगली सुनवाई 2 मई को होगी।
याचिका वकील रजनी कुमारी ने दायर की है। रजनी कुमारी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के लॉ की डिग्री ली है। याचिका में कहा गया है कि बीसीडी ने 13 अप्रैल को एक नोटिस के जरिये ये घोषणा की कि जो वकील एनरॉलमेंट कराना चाहते हैं, उन्हें दिल्ली-एनसीआर का आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र पेश करना अनिवार्य है।
याचिका में कहा गया है कि बीसीडी की शर्तें मनमाना और भेदभावपूर्ण है। जो छात्र दिल्ली से लॉ की डिग्री ले रहे हैं और बीसीडी में एनरॉलमेंट कराना चाहते हैं, उन्हें दिल्ली-एनसीआर का आधार कार्ड या मतदाता पहचान पत्र पेश करना होगा। ऐसे में उनका एनरॉलमेंट नहीं होगा। याचिका में कहा गया है कि बीसीडी की ये शर्त उन लॉ डिग्रीधारकों के लिए बाधा बनेगी, जो दिल्ली से बाहर के हैं और दिल्ली में आकर प्रैक्टिस करना चाहते हैं।