बाघ हमलें में मारी गई महिला के शव का दूसरे दिन गमगीन माहौल में हुआ अंतिम संस्कार

जन एक्सप्रेस हजारा(पूरनपुर):देर रात घर के बाहर से महिला पर बाघ ने हमला बोल दिया।महिला को खींचकर जंगल में ले गया।जब तक लोगों ने हल्ला किया तब तक बाघ ने महिला को मौत के घाट उतार दिया।सूचना पर वन विभाग की टीम पहुंच गई वहीं पर हजारा पुलिस ने पहुंचकर स्थिति को संभाल हैं।पड़ोसी जनपद पीलीभीत के रामनगर तिराहा निवासी राम किशोर की पत्नी रेशमा देवी देर रात घर के बाहर नल पर पानी लेने के लिए गई थी।जहां घर के निकट बोए गए मक्के में घात लगाकर बैठे बाघ ने उस पर झपट्टा मार दिया और गर्दन से पकड़ कर महिला को घसीटते हुए जंगल में ले गया।बाघ के झपट्टे से महिला की चीख पुकार सुन घर के लोग बाहर निकले।तब तक महिला को बाघ गर्दन से दबोच खीचतें हुए जंगल की तरफ लेकर चला गया।घटना से जंगल की दूरी महज करीब 500 मीटर है जहां सुतिया नाले के किनारे जंगल में महिला को ले गया। शोरशराबा सुनकर आसपास के लोग भी एकत्र हो गए शोरशराबा करने पर बाघ महिला को छोड़कर जंगल में भाग गया लेकिन जब तक लोग मौके पर पहुंचे तब तक महिला की मौत हो चुकी थी।सूचना पर वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गई।हजारा पुलिस ने पहुंचकर घटना की जानकारी ली।महिला की मौत से परिवारजनों का रो रो कर बुरा हाल है।महिला के तीन बच्चें हैं।इस संबंध में संपूर्णानगर वन रेंज के क्षेत्रीय वन अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि बाघ ने एक महिला को मौत के घाट उतारा है लोगों को जंगल की तरफ जाने से रोका गया है।रात में घर से बाहर ध्यान से निकले।मृतक महिला के परिजनों को शासन से पांच लाख रुपये का मुआवजा दिलाएं जाने का आश्वासन दिया है।उधर हजारा पुलिस ने शव को पीएम के लिए जिला अस्पताल पीलीभीत भेजा जहां पीएम होने के बाद दूसरे दिन शव साम को घर पहुंचा शव पहुंचते ही परिजनों में चित्कार मच गया।शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।इधर वन विभाग घटनास्थल व आसपास नजर बनाएं हुए है।इस घटना के संबंध में लखीमपुर-खीरी जिला मुख्यालय से वन विभाग के एफडी एपी सिन्हा डीएफओ सौरीश सहाय मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।
क्षेत्रीय जनता में आक्रोश बाघ पकड़ने की उठी मांग
बफरजोन संपूर्णानगर वन रेंज क्षेत्र में पिछले कई माह से बाघ तेंदुआ आतंक मचाते हुए तमाम ग्रामीणों पर हमला कर घायल करते हुए अब इस महिला को मौत के घाट उतार दिया है तो वहीं दर्जनों पशुओं को निवाला बना चुके हैं। ग्रामीणों ने इन हिंसक वन्यजीवों को शीघ्र पकड़वाने की मांग किया है और चेतावनी दी है कि ऐसा नहीं करने पर वन विभाग के खिलाफ सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे।






