
जन एक्सप्रेस/ संतोष कुमार दीक्षित /राज्य मुख्यालय : अयोध्या की मिल्कीपुर सीट के उपचुनाव का काउनडाउन शुरू हो चुका है। भाजपा-सपा समेत दस प्रत्याशी चुनावी मैदान में जोर आजमाइश में जुटे हैं। अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रत्याशी कड़ाके की सर्दी में सुबह से ही मतदाताओं के बीच पहुंचकर लिए वोट मांग रहे हैं। वोटरों से लुभावने वादे कर उन्हें अपने फेवर में करने की जुगत में लगे हैं। मगर मतदाता के मन में क्या है ये समय के गर्त में हैं। हार-जीत का फैसला 8 फरवरी को चुनाव परिणाम के बाद सामने आ जाएगा, लेकिन यदि मिल्कीपुर सीट पर 90 के दशक से अब तक हुए तीन उपचुनावों पर नजर डालें तो यहां समाजवादी पार्टी का पलड़ा अधिक भारी दिख रहा है। मगर पिछले साल प्रदेश में 9 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे भाजपा की जीत की ओर इशारा कर रहे हैँ। वहीं इस बीच सपा के बागी नेता का आजाद पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में ताल ठोकने से मुकाबाला त्रिकोणीय होने के आसार बन रहे हैं।
दो उपुचनावों में खूब दौड़ी साइकिल, मुरझाया कमल
1999 में पहली बार मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव हुए। इस दौरान यहां से सपा प्रत्याशी रामचंद्र यादव ने भाजपा प्रत्याशी बृजभूषण त्रिपाठी को हराया था। छह साल बाद साल 2004 में मिल्कीपुर सीट पर दूसरा उपचुनाव हुए इस दौरान भी सपा ने रामचंद्र यादव को चुनावी मैदान में उतारा। रामचंद्र यादव ने दूसरे उपचुनाव में सपा के बागी और बसपा प्रत्याशी आनंदसेन यादव को हराया। इस उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र मणि त्रिपाठी की जमानत तक जब्त हो गई थी।

मिल्कीपुर उपचुनाव में जीत की हैट्रिक लगाएगी सपा !
चुनावी आंकड़ों पर गौर करें तो सपा का पलड़ा भारी है। साल 1998 और 2004 के उपचुनाव में जीत से गदगद सपा को उम्मीद है कि तीसरे उपचुनाव में भी उनकी पार्टी का प्रत्याशी जीत की हैट्रिक लगाएगा। वहीं हाल के उपचुनाव में 9 में से 7 सीटें जीतकर भाजपा का कॉन्फिडेंस लेवल हाई है और भाजपा नेताओं का दावा है कि कुंदरकी और कटेहरी की तरह मिल्कीपुर सीट भी बीजेपी के खाते में आएगी।
बसपा के वोटबैंक और ब्राह्मणों को साधने में जुटे दिग्गज
बहुजन समाज पार्टी का प्रत्याशी साल 2004 के उपचुनाव में दूसरे नंबर पर रहा था। ऐसे में यहां बसपा का भी वोट बैंक है। मगर इस बार के मिल्कीपुर उपचुनाव में बसपा चुनावी मैदान से दूर है। कहीं न कहीं ऐसे में बसपा के पारंपरिक वोट बैंक में सेंधमारी करने के लिए सपा-भाजपा जुट गए हैं। इसके अलावा ब्राह्मण वोटर भी यहां निर्णायक भूमिका में है, इसलिए इन इन वोटरों को लुभाने के लिए भी प्रमुख दल ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। सपा ने तो 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी। ये स्टार प्रचारक जल्द ही चुनावी मैदान में नजर आएंगे और सपा के पक्ष में माहौल बनाएंगे।
पर्दे के पीछे संघ, भाजपा को मिलेगी जीत!
सपा-भाजपा के लिए साख का सवाल बन चुकी मिल्कीपुर सीट को जीतने के लिए राजनीति के सारे हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। सपा ने स्टार प्रचारकों की लंबी फेहरिस्त जारी कर अपने मंसूबे बता दिए हैं तो भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने के लिए पर्दे के पीछे आरएसएस भी जुटा है। संघ लोगों के बीच जाकर राष्ट्रवादी शक्तियों को विजय दिलाने के लिए जागरुकता अभियान चला रहा है। संघ के सहयोगी संगठनों के बीच भी संघ की बैठकें चल रही हैं। चर्चाएं ये भी है कि रात में भी गांव-गांव में छोटी-छोटी चौपालों आयोजित कर भाजपा के पक्ष में माहौल बनाया जा रहा है।






