जल की उपलब्धता के लिए वर्षा जल संचयन जरूरी : संबित मिश्रा

रायगढ़ । रोजमर्रा की दिनचर्या में पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए लगातार भूमिगत जलस्त्रोत के उपयोग के कारण भूगर्भ जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है। गर्मी के दिनों में अधिकांश बोर के सूखने हैंडपंप फेल होने की शिकायत और पानी की किल्लत हर साल की समस्या है। इससे निजात पाने के लिए भूगर्भ जल स्तर को एक सीमित स्थान पर बनाए रखना होगा। इसके लिए सभी शहर वासियों को आगे आना होगा और एक सीधा सरल और सस्ता उपाय अपने मकानों पर रैन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण कराना होगा।
उक्त बातें रविवार को निगम कमिश्नर संबित मिश्रा ने गर्मी के दिनों में शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता की परेशानियों को देखते हुए शहरवासियों को संबोधित करते हुए कहा। कमिश्नर मिश्रा ने बताया कि वर्तमान स्थिति में निगम के भवन विभाग से भवन अनुज्ञा लेने वालों की संख्या 813 है। इसमें निजी मकान की संख्या 684 एवं शासकीय भवनों कार्यालयों की संख्या 167 है। इसमें से 530 निजी मकानों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण निगम तकनीकी विभाग द्वारा पूर्ण किया गया। इसी तरह 167 शासकीय कार्यालयों भवनों में भी रैन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण किया गया है। वर्तमान में निजी भवनों या मकानों के 170 के करीब रैन वाटर हार्वेस्टिंग निर्माण की प्रक्रिया स्थल निरीक्षण आदि चल रही है, जिसमें जल्द ही रैन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण पूर्ण होगा।
कमिश्नर मिश्रा ने बताया कि निगम क्षेत्र अंतर्गत भूमि पर भवन या मकान कमर्शियल कांप्लेक्स आदि बनाने के लिए निर्माण करने के लिए भवन अनुज्ञा की आवश्यकता होती है। इसमें 150 वर्ग मीटर से ज्यादा भूमि पर निर्मित भवनों में रैन वाटर हार्वेस्टिंग लगाने की अनिवार्यता है। इसमें शासन द्वारा तय मापदंड के हिसाब से भवन अनुज्ञा जारी करते समय रैन वाटर हार्वेस्टिंग निर्माण के लिए भी निगम प्रशासन द्वारा शुल्क जमा कराए जाते हैं। इसमें यदि भवन निर्माणकर्ताओं द्वारा स्वयं से रैन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण कराया जाता है तो उसका स्थल निरीक्षण कर जमा किए गए शुल्क को नियमानुसार वापिस कर दिया जाता है। इसी तरह भवन निर्माण कर्ताओं द्वारा रैन वाटर हार्वेस्टिंग नहीं बनाने की स्थिति में निगम प्रशासन द्वारा जमा शुल्क से रैन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण कराया जाता है। शासन के निर्देशानुसार रैन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए लोगों को शहरवासियों को जागरूक करने के साथ निगम की तकनीकी टीम को भी डोर टू डोर सर्वे कर एवं जमा हुए शुल्क के एवज में निर्माणकर्ताओं के घरों पर रैन वाटर हार्वेस्टिंग निर्माण करने के निर्देश दिए गए हैं।