डीयू में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर कार्यक्रम आयोजित
नई दिल्ली । विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय में एक प्रदर्शनी लगाकर स्मृति दिवस समारोह का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के कॉन्फ्रेंस सेंटर में आयोजित इस कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी एवं आजाद हिन्द फौज के सिपाही रहे माधवन पिल्लई ने सर्वधर्म एकता का संदेश दिया। उन्होंने अपने संक्षिप्त संबोधन में बताया कि आईएनए में हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी मिल कर काम करते थे और देश की आजादी के लिए मिलकर जंग लड़ी। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि हम सब मिलकर उसी तरह से देश को सर्वधर्म एकता के साथ समूहिक रूप से आगे बढ़ाएं।
इस अवसर पर विभाजन की त्रासदी से जुड़े चित्रों की प्रदर्शनी भी लगाई गई।
दिल्ली विश्वविद्यालय स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग की निदेशक प्रो. पायल मगो ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि विभाजन के उस दौर में करीब तीन करोड़ लोग रावी के उस देश को छोड़ कर इधर आए थे। उन्होंने अपने परिवार की दर्द भरी कहानी के माध्यम से रोंगटे खड़े कर देने वाले वृतांत का भी जिक्र किया, जब उनके पिता अपनी माता और बहनों के आत्मदाह के पश्चात अकेले उस क्षेत्र से भारत आए थे। प्रो. मगो ने कहा कि लोग गुड्डे और गुड़ियों की कहानियां सुन कर बड़े होते हैं जबकि वो स्वयं अपने बुजुर्गों से विभाजन की कहानियां सुनकर बड़ी हुई हैं। उन्होंने इस अवसर पर सभी से आह्वान किया कि अब हमें क्षेत्रवाद व भाषावाद से ऊपर उठकर देश के लिए काम करना चाहिए।