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आयुष्मान केंद्र में नहीं आयुष्मान जैसी व्यवस्था

बरसठी के बरेठी गांव में बदहाल मिनी स्वास्थ्य केंद्र, मरीज कर रहे दूरी

जन एक्सप्रेस/जौनपुर: जहाँ एक ओर केंद्र और राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को गाँव-गाँव तक पहुँचाने के लिए ‘आयुष्मान भारत योजना’ के अंतर्गत मिनी स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना कर रही है, वहीं जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बरसठी ब्लॉक के बरेठी गांव में बने आयुष्मान मिनी स्वास्थ्य केंद्र की हालत इतनी बदतर है कि मरीज वहां इलाज कराने की बजाय दूर स्थित शहरों और निजी क्लीनिकों का रुख करने को मजबूर हैं।

शिकायतकर्ता बोले – “यह कैसा आयुष्मान?”
गांव के ही निवासी चंद्र शेखर सिंह ने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर बताया कि —
“हमारे गांव में मिनी स्वास्थ्य केंद्र तो है, लेकिन वहां न पंखा है, न शौचालय, न दवाइयाँ, न ही कोई आधारभूत सुविधा। गर्मी में तो बैठकर इलाज कराना तक मुमकिन नहीं है।”

जिम्मेदार क्या कहते हैं?
जब इस विषय में उप-स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी से सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि —
“सभी सुविधाओं के लिए बजट आवंटित किया जा चुका है, और जल्द ही व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी।”

लेकिन जब इसी केंद्र पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों से बात की गई, तो उनके पास इस दुर्दशा का कोई ठोस जवाब नहीं था — जिससे साफ झलकता है कि या तो बजट का सही उपयोग नहीं हो रहा, या फिर कहीं न कहीं सरकारी धन की बंदरबांट हो रही है।

स्वास्थ्य विभाग की पोल खोलती तस्वीर

सरकारी दावों की हवा निकलती नज़र आ रही है

आमजन को मिलनी थी निःशुल्क और सुगम स्वास्थ्य सेवा

हकीकत: बिना पंखा, बिना दवा, बिना सुविधाओं के ‘मिनी’ केंद्र

प्रश्न उठ रहे हैं —

  • सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को क्यों लापरवाही की भेंट चढ़ाया जा रहा है?
  • आवंटित बजट का हिसाब कौन देगा?
  • ज़िम्मेदार अधिकारी मौन क्यों हैं?

अब जनता पूछ रही है – क्या ‘आयुष्मान’ का मतलब सिर्फ पोस्टर और उद्घाटन तक ही सीमित है?
स्वास्थ्य विभाग को जल्द संज्ञान लेना होगा, वरना जनता का भरोसा सिर्फ योजनाओं पर नहीं, सरकार पर से भी उठने लगेगा।

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