बहराइच: डीएम ने मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण कर जानी हकीकत…
बहराइच: जिलाधिकारी मोनिका रानी ने महर्षि बालार्क चिकित्सालय की इमरजेन्सी सहित विभिन्न वार्डो, ओपीडी, पैथालॉजी, रक्तकोष, पंजीकरण एवं औषधि वितरण काउण्टर, फिजियो थैरिपी कक्ष व एनसीडी क्लीनिक तथा 100 बेड महिला विंग में संचालित वार्डों, प्रसव कक्ष का निरीक्षण कर मरीजों व उनके तीमारदारों से आवश्यक जानकारी ली। इसके साथ ही लोगों को मिल रही सुविधाओं के बारे में जाना।
जिलाधिकारी मोनिका रानी गुरुवार सुबह नौ बजे मेडिकल कॉलेज पहुंची। उन्होंने अधिकारियों के साथ विभिन्न वार्डों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान डीएम ने मरीज़ों के साथ-साथ मरीज़ों के तीमारदारों से चिकित्सालय द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं एवं सुविधाओं के बारे में फीड बैक प्राप्त करते मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देश दिया कि चिकित्सालय में आने वाले सभी मरीज़ों को शासन द्वारा सुविधाएं प्रदान की जायें
शीत लहर को मद्देनज़र रखते हुए डीएम ने सीएमएस को यह भी निर्देश दिया कि मरीज़ों के साथ आने वाले तीमारदारों के लिए आवश्यकतानुसार जगह-जगह अलाव जलवा दें तथा रैन बसेरे की व्यवस्थाओं में भी बन्दोबस्त रखने की बात कही। महिला विंग के निरीक्षण के दौरान डीएम ने तीमारदारों की सुविधा के लिए बेन्च की पर्याप्त व्यवस्था की जाय। वार्डों के निरीक्षण के दौरान डीएम ने निर्देश दिया कि मरीज़ों की बेडशीट साफ-सुथरी रहे इसके लिए समय से बेडशीट को बदला जाय।
डीएम ने यह भी निर्देश मरीज़ों को मेन्यू के अनुसार समय से भोजन उपलग्ब्ध कराया जाय तथा चिकित्सालय व शौचालय की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाय। ओपीडी के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी को बताया गया कि वर्तमान में लगभग 1500 से 1800 मरीज़ों को ओपीडी सुविधा प्रदान की जा रही है। जबकि आम दिनों में मरीज़ों की संख्या बढकर 2500 हो जाती है। इस दौरान प्राचार्य डॉ संजय खत्री, सीएमएस डॉ एमएम त्रिपाठी, मैनेजर रिजवान समेत अन्य मौजूद रहे।
अम्मा बाहर की दवा तो नहीं लिखी
अस्पताल के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने वृद्ध महिला से कहा कि अम्मा डॉक्टर ने बाहर की दवा तो नहीं लिखी। इस पर महिला ने कहा कि नहीं। डीएम ने कहा कि सभी अस्पताल की ही दवा डॉक्टर दें।
एंबुलेंस की जांची सुरक्षा
चिकित्सालय से निकल कर डीएम मोनिका रानी ने परिसर में खडी एम्बुलेन्स का निरीक्षण कर एम्बुलेन्स में उपलब्ध जीवन रक्षक उपकरणों तथा संचालन के बारे में जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देश दिया कि मरीज़ों की कॉल प्राप्त होने पर निर्धारित समय में उन्हें सुविधा उपलब्ध कराएं।