उत्तर प्रदेशबहराइच

बहराइच में मनाया गया विश्व मलेरिया दिवस

बहराइच : मलेरिया रोग संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होती है। मच्छर काटने के 13 दिन बाद इसके लक्षण आते हैं। सही समय से जांच व इलाज से यह बीमारी महज तीन दिन में ठीक हो जाती है। लेकिन यह बीमारी पहले से अधिक घातक हो गयी है। इस बीमारी से दिमाग में सूजन व गुर्दे खराब होने लगे हैं। इसके लिए मलेरिया की नई दवाएं उपलब्ध हैं। सही समय पर दवा सेवन से यह तीन दिन में ठीक हो जाता है। इलाज में देरी और लापरवाही से यह गंभीर भी हो सकता है।

यह बातें सीएमओ सभागार में विश्व मलेरिया दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में एसीएमओ डॉ संतोष राणा ने कही। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 से अप्रैल 2023 तक 1.38 नमूनों की जांच में महज 22 मलेरिया के रोगी चिन्हित किए गए सही समय से इलाज से सभी स्वस्थ हो गए कोई भी जन हानि नहीं हुई। जिला मलेरिया अधिकारी प्रेम प्रकाश मिश्रा ने बताया कि प्लाज्मोडियम फैल्सीफोरम और प्लाज्मोडियम वाईबैक्स दो प्रकार का मलेरिया होता है।

इसमें प्लाज्मोडियम फैल्सीफोरम ज्यादा घातक होता है । जबकि जनपद सहित आस पास के जिलों में प्लाज्मोडियम वाईबैक्स पाया जाता है जो कम घातक होता है । लेकिन पिछले कुछ वर्षों से प्लाज्मोडियम वाईबैक्स भी फैल्सीफोरम की तरह घातक हो गया है। इसमें दिमाग में सूजन व गुर्दे खराब होने लगे हैं । लेकिन सही समय पर जांच व इलाज से यह तीन दिन में ठीक हो जाता है।

जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी बृजेश सिंह ने बताया कि मलेरिया के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर वर्ष 25 अप्रैल की विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वर्ष के दिवस की थीम ‘अधिक न्यायोचित विश्व के लिए मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में तेजी लाना।” रखी है। उन्होंने बताया मलेरिया के मच्छर साफ ठहरे हुए पानी में पनपते हैं । यह मच्छर सुबह और शाम को काटते हैं।

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