धर्म

वैष्णो देवी जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए बड़ी खबर

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देश के प्रमुख धार्मिक स्थानों में से एक माता वैष्णो देवी का धाम है। हर दिन यहां हजारों की तादाद में श्रद्धालु पहुंचते हैं। वैष्णो देवी पहुंचने वाले श्रद्धालु यात्रा पर्ची बनवाते थे। उसके बाद भी अपनी यात्रा शुरू करते थे। इसके लिए अलग-अलग जगह पर काउंटर भी बने हुए थे। लेकिन अब यह सुविधा बंद कर दी गई है। जानकारी के मुताबिक श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की तरफ से यात्रा पर्ची की जगह पर दूसरी व्यवस्था शुरू की गई है। यह आरएफआईडी से लैस कार्ड होगा। फिलहाल इसे 29 स्थानों पर दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि आरएफआईडी की रीडिंग के लिए कई जगहों पर एंटीना और रीडर्स लगाए गए हैं। इससे पहले सालों से तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा पर्ची की व्यवस्था चल रही थी।

यात्रा पर्ची को श्रद्धालु ऑनलाइन या ऑफलाइन हासिल कर सकते थे। लेकिन अब इसकी जगह आरएफआईडी सिस्टम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए 40 जगहों पर सीसीटीवी कैमरा और 7 सत्यापन काउंटर भी बनाए गए हैं। रेडियो-आवृत्ति पहचान प्रणाली (आरएफआईडी) वायरलेस तकनीक पर आधारित है, जिसे रेडियो तरंगों के माध्यम से ट्रैक किया जा सकता है। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि पिछले हफ्ते बालगंगा और ताराकोट से गुफा मंदिर तक तीर्थयात्रियों की आवाजाही पर नजर रखने के उद्देश्य से प्रायोगिक आधार पर आरएफआईडी प्रौद्योगिकी को लागू किया गया है।’ यह प्रणाली श्राइन बोर्ड को क्षमता के अनुसार तीर्थयात्रियों की संख्या को विनियमित करने में मदद करेगी।

बेहतर प्रबंधन के लिए नवंबर तक तैयार होगा स्काईवॉक

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) ने तीर्थयात्रियों की आवाजाही पर नज़र रखने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान पत्र (आरएफआईडी) पेश करने के बाद अब बहुप्रतीक्षित स्काईवॉक पर काम शुरू कर दिया है। ‘स्काईवाक’, मनोकामना भवन क्षेत्र के नजदीक श्रद्धालुओं के आने-जाने को पृथक करने में मदद करेगा। बोर्ड के एक अधिकारी के मुताबिक, लगभग 9.89 करोड़ रुपये की लागत से 200 मीटर लंबे और 2.5 मीटर चौड़े स्काईवॉक का काम नवंबर तक पूरा होने की उम्मीद है, ताकि तीर्थयात्रियों की सुगमता से आवाजाही सुनिश्चित हो सके।

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