विदेश

संयुक्त राष्ट्र में चीन को मिला भारत का साथ!

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में चीन के अशांत जिनजियांग के हालात से जुड़े मसौदे के प्रस्ताव पर वोटिंग से भारत दूर रहा है। उइगर मुसलमानों के साथ व्यवहार मामले में चीन के खिलाफ ये प्रस्ताव लाया गया था। हालांकि, चीन के साथ सीमा पर तनाव के बावजूद भी भारत ने उसका साथ दिया है। भारत के चीन के खिलाफ प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहा। मानवाधिकार समूह चीन के उत्तर-पश्चिमी चीनी प्रांत में मानवाधिकार हनन की घटनाओं को लेकर सालों से आवाज उठाते रहे हैं। चीन पर आरोप लगाया गया है कि 10 लाख से ज्यादा कोई घरों को उनकी इच्छा के खिलाफ हिरासत में रखा गया है। भारत और 10 अन्य देशों ने मतदान से दूरी बनाया जिसके कारण चीन के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव खारिज हो गया।

भारत, ब्राजील, मैक्सिको और यूक्रेन सहित 11 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। मसौदा प्रस्ताव का विषय था- ‘‘चीन के जिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र में मानवाधिकारों की स्थिति पर चर्चा।’’ हालांकि यह प्रस्ताव पूरी तरह से खारिज हो गया। यह मसौदा प्रस्ताव कनाडा, डेनमार्क, फिनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे, स्वीडन, ब्रिटेन और अमेरिका के एक कोर समूह द्वारा पेश किया गया था, और तुर्की सहित कई देशों ने इसे सह-प्रायोजित किया था। ह्यूमन राइट्स वॉच में चीन की निदेशक सोफी रिचर्डसन ने एक बयान में कहा कि अपने इतिहास में पहली बार, संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवाधिकार निकाय ने चीन के जिनजियांग क्षेत्र में मानवाधिकार की स्थिति पर बहस करने के प्रस्ताव पर विचार किया। चीन में उइगरों और अन्य मुस्लिम बहुल समुदायों के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन के गंभीर आरोपों को 2017 के अंत से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार तंत्र के ध्यान में लाया जाता रहा है।

47 सदस्यीय परिषद में इस प्रस्ताव का गिरना अमेरिका व पूरी पश्चिमी देशों के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा सकता है। पश्चिम देशों को इस बात की उम्मीद थी कि चीन के खिलाफ लाए गए इस प्रस्ताव में उन्हें भारत का साथ मिलेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दरअसल, भारत शुरु से कहता रहा है कि यूएनएचआरसी जैसे संगठन में किसी देश को निशाना बनाना सही नहीं है। भारत को इस बात की भी आशंका रहती है कि भविष्य में उसके खिलाफ इस तरह के प्रस्ताव पेश किए जा सकते हैं। पाकिस्तान आए दिन जम्मू कश्मीर का मुद्दा उठाता रहता है। यही कारण है कि सीमा पर तनाव के बावजूद भी भारत ने चीन का परोक्ष रूप से साथ दिया है। इसको लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ट्वीट कर लिखा कि ‘चीन पर इतनी झिझक क्यों? भारत सरकार चीनी घुसपैठ पर संसदीय बहस के लिए सहमत नहीं होगी। UNHRC में शिनजियांग में मानवाधिकार पर बहस के लिए लाए प्रस्ताव से भारत दूर रहेगा। विदेश मंत्रालय सांसदों को ताइवान जाने के लिए राजनीतिक मंजूरी नहीं देगा।’

JAN EXPRESS

जन एक्सप्रेस न्यूज़ – सच दिखाने की ज़िद हमारा उद्देश्य है आपको सही और निष्पक्ष खबरों से जोड़ना। जन एक्सप्रेस न्यूज़ यूट्यूब चैनल पर आप पाएंगे ताजा खबरें, विशेष रिपोर्ट, और सामाजिक मुद्दों पर गहन विश्लेषण। यहां हर खबर को पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ पेश किया जाता है। हम आपकी आवाज़ को बुलंद करने और समाज के हर कोने से जुड़ी सच्चाई को उजागर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। राजनीति, समाज, शिक्षा, और मनोरंजन से जुड़ी हर खबर के लिए जुड़े रहें जन एक्सप्रेस न्यूज़ के साथ। 📢 सच दिखाने की ज़िद, हर सच के साथ! सब्सक्राइब करें और हर खबर से अपडेट रहें।
Back to top button