CM शिवराज ने किया सीएम राइज स्कूलों का किया भूमि पूजन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ी सौगात दी है। इंदौर के 5 स्कूलों सहित प्रदेश के 69 सीएम राइज स्कूल की नींव रखी है। शिवराज ने सीएम राइज के लिए चयनित स्कूलों के नवीन भवनों का भूमि पूजन किया है। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने बचपन को भी याद किया। उन्होंने कहा कि बचपन में सरकारी स्कूल में पढ़ा, वहा टाटपट्टी नहीं होती थी बल्कि हम घर से बोरे लेकर जाते थे और उस पर बैठ कर पढ़ा करते थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में जब अस्पताल में भर्ती था, तब ध्यान आया कि शिक्षा के क्षेत्र में कोई कार्य करना चाहिए। जिसके बाद स्कूली शिक्षा मंत्री और अधिकारियों के साथ बैठक कर प्लान तैयार किया। उन्होंने बताया कि मैं भी सरकारी स्कूल से पढ़ा हूं और बचपन में जब हम स्कूल जाते थे, तो हमारे स्कूल में टाटपट्टी भी नहीं हुआ करती थी। घर से टाट ले जाकर उस पर बैठकर पढ़ाई करते थे। और उस दौरान विचार आता था कि सरकारी स्कूलों की स्थिति और सुधारना चाहिए।
साथ ही सीएम राइज स्कूलों को प्राइवेट स्कूल से और बेहतर बनाने की बात मुख्यमंत्री ने कही है। स्कूल में विद्यार्थियों को पढ़ाई लिखाई के साथ खेलकूद सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए भी शिक्षकों की व्यवस्था की गई है। 5 सीएम राइस स्कूल इंदौर, महू और सांवेर विधानसभा में बनाए जाएंगे। इसी दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मोटिवेशनल स्पीकर की भूमिका में नजर आए। बच्चों से जीवन में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करने की बात कही।
पालको से भी मुख्यमंत्री ने आग्रह किया है कि बच्चों को सिर्फ पढ़ाई और पढ़ाई में ना धकेल उन्हें खेलने कूदने के लिए भी समय दें। ताकि बच्चे का भविष्य उज्जवल हो सके। चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई तो हिंदी में शुरू कर दी गई है। और अब इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिंदी में कराई जाएगी।
इसके साथ ही कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि जब हम पढ़ते थे तब दूसरी पार्टी की सरकार थी। उस समय शिक्षकों को 500 रुपये प्रति माह मिलता था। एक बारल मैंने बच्चों से पूछा गंगाजी कहां से बहती है, तो उन्होंने जवाब दिया विंध्याचल से बहती है। इसके बाद जब शिक्षक से पूछा तो उन्होंने कहा कि 500 रुपये में गंगा विंध्याचल से ही तो बहेगी।