सीएम शिवराज लेंगे बैठक, बाढ़ ग्रस्त इलाकों पर होगी चर्चा
मध्य प्रदेश: पिछले 3 दिनों से लगातार अलग-अलग इलाकों में बारिश जारी हैं। अब प्रदेश में 36 इंच का कोटा पूरा हो चुका है। बारिश के कारण मंगलवार को मंदसौर के गांधी सागर बांध के 19 गेट खोल दिए गए हैं। गेट खुलने के बाद मध्य प्रदेश से लेकर राजस्थान के कोटा तक अलर्ट जारी किया गया है। मुरैना में चंबल नदी डेंजर जोन में पहुंच गई है और राजस्थान के कोटा बैराज डैम के 16 गेट खोले गए हैं। इससे चंबल नदी में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है यहां 200 गांव में डूबने का खतरा पैदा हो गया है।
भारी बारिश के बाद रायसेन जिले के सभी नदी तालाब उफान पर जाने से कई रास्ते बंद हो गए हैं। वहीं कहीं गांव का संपर्क अभी भी शहर से टूटा हुआ है। रायसेन विदिशा नेशनल हाईवे पर 4 फुट पानी आने के बाद रास्ते बंद हैं। अभी भी हाईवे पर 2 फीट पानी जमा है। रायसेन विदिशा से लगे 150 गांव अभी भी बाढ़ ग्रस्त है। यही हाल कुछ नर्मदा पुरम का है। बारिश थमने के दूसरे दिन बाद भी लगातार डेमो से आ रहे ज्यादा पानी के वजह से यहां बाढ़ की स्थिति है।
गंजबासौदा में बेतवा नदी का जलस्तर घटने लगा है लेकिन नर्मदा का रौद्र रूप अभी भी बरकरार है। भोपाल में 16 साल बाद एक दिन में सबसे ज्यादा बारिश हुई। जहां 14 इंच तक बारिश दर्ज की गई राजधानी में अब तक 65 इंच बारिश हो चुकी है।
वहीं भोपाल में रविवार को आई तेज आंधी और बारिश के बाद कब हुई बिजली व्यवस्था आखिरकार 42 घंटे बाद दुरुस्त कर ली गई है। भोपाल के 80% इलाकों में बिजली व्यवस्था सुचारू रूप से जारी है लेकिन कुछ इलाकों में बिजली सुबह 6:00 बजे पहुंची। 40 सालों में ऐसा पहली बार था जब राजधानी को लगातार तीन दिनों तक बिजली संकट झेलना पड़ा। हालांकि अभी भी भोपाल की कई कॉलोनियों में बिजली सप्लाई सेकंड वैसे चालू की गई है। और इन कॉलोनियों में रह वासियों को मेंटेनेंस के नाम पर अगले 1 हफ्ते तक बिजली कटौती का सामना करना पड़ सकता हैं।
तूफानी बारिश के बाद बाढ़ से जो हालात बने वे अब काबू में आते जा रहे हैं। लेकिन सबसे ज्यादा मुसीबत बाढ़ ग्रस्त इलाकों के लोगों को हो रही हैं। जिन्हें दूर करने के लिए बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बड़ी बैठक बुलाई है। इस बैठक में कृषि विभाग गृह विभाग स्वास्थ्य विभाग जल संसाधन पीएचई कृषि राजस्व पंचायत नगरीय विकाय और आवास विभाग के आला अधिकारी शामिल रहेंगे।