याचिका पर जस्टिस शाह को सुनवाई से अलग करने की मांग पर कल आएगा फैसला

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की याचिका पर जस्टिस एमआर शाह को सुनवाई से अलग करने की मांग पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। संजीव भट्ट ने गुजरात हाई कोर्ट में दाखिल की गई अपील में अतिरिक्त साक्ष्य पेश करने की इजाजत देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से जस्टिस एमआर शाह को सुनवाई से हटने की मांग की है। कोर्ट इस याचिका पर कल यानी 10 मई को फैसला सुनाएगा।
कोर्ट ने कहा कि जस्टिस एमआर शाह 15 मई को रिटायर हो रहे हैं। इसलिए सुनवाई से हटने की मांग पर 10 मई को फैसला सुनाया जाएगा।
संजीव भट्ट ने मांग की है कि उनके खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई से जस्टिस एमआर शाह को अलग किया जाए। इस मामले में गुजरात हाई कोर्ट में दोषसिद्धि के खिलाफ सुनवाई तब तक टालने की मांग की गई है, जब तक कि अतिरिक्त सबूत पेश करने की याचिका पर फैसला नहीं हो जाता। याचिका में कहा गया है कि वर्तमान याचिका कि विषय वस्तु पर पहले जस्टिस शाह ने फैसला किया था, जब वह गुजरात हाई कोर्ट के जज थे।
भट्ट को गुजरात के जामनगर में सेशंस कोर्ट ने नवंबर 1990 में जामजोधपुर निवासी प्रभुदास वैष्णानी की हिरासत में मौत के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। गुजरात हाई कोर्ट ने उनकी सजा को निलंबित करने के लिए दायर याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ संजीव भट्ट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।