सब गोलमाल है… हिमालयन समिति का खेल, प्राधिकरण से मुआवजा ले चेहतों को दिए प्लॉट
एलडीए कर्मियों से सांठगांठ कर सरकार को लगाया करोड़ों का चूना

संतोष कुमार दीक्षित
जन एक्सप्रेस/ राज्य मुख्यालय: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने जमीन घोटाले को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के कर्मचारियों से सांठगाठ करके तय सीमा से दोगुनी जमीन लेकर हिमालयन सहकारी आवास समिति लिमिटेड ने प्राधिकरण को करोड़ों रुपए का चूना लगाया है। मामले में हाई कोर्ट ने विजिलेंस को जांच के आदेश दिए हैं।
20 जनवरी को देनी है जांच रिपोर्ट
हाई कोर्ट ने निदेशक, विजिलेंस (स्थापना) को आदेश दिया है कि हिमालयन सहकारी आवास समिति लिमिटेड से जुड़े भूमि संबंधी मामले में रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जाए। उच्च न्यायालय ने अगले साल 20 जनवरी 2025 तक रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।
सीमा से दोगुनी जमीन हड़पकर अपने कर्मियों को दिए प्लॉट
आरोप हैं कि आवास बनाने वाली समिति के सदस्यों ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के अधिकारी और कर्मचारियों से सांठगांठ करके तय सीमा साढ़े 12 एकड़ से करीब दो गुना अधिक भूमि के एवज में प्राधिकरण से मुआवजा लेकर अपने सदस्यों को प्लाट दिए हैं। यह सरासर अवैध कृत्य है। ये जमीन गोमती नगर विस्तार में स्थित हैं।
समिति की कई और गड़बड़ियां मिलीं
अवमानना केस की सुनवाई के दौरान न्यायालय के समक्ष यह तथ्य भी आया कि सरकार और प्राधिकरण की जांच में हिमालयन सहकारी आवास समिति लिमिटेड के खिलाफ कई गड़बड़ियां सामने आई हैं। समिति की ओर की गईं इन धांधली में कहीं न कहीं लखनऊ विकास प्राधिकरण के कई कर्मचारियों की भी संलिप्तता सामने आई है।
एलडीए के कई अधिकारियों पर गिर सकती है गाज
20 जनवरी को विजिलेंस जांच रिपोर्ट आने के बाद जमीन घोटाले में फंसे एलडीए के कई अधिकारी और कर्मचारियों पर गाज गिरेगी। साथ ही हिमालयन सहकारी आवास समिति के कई सदस्य भी लपेटे में आएंगे। ऐसे में एलडीए और समिति के कर्मचारियों में हड़कंप मचा है।