उत्तर प्रदेशलखनऊशहर खबरें

Ansal: एपीआई बिल्डर के खिलाफ हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच का दिया आदेश

जन एक्सप्रेस/लखनऊ

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने शहर में सिंचाई विभाग की करोड़ों की जमीन के कथित घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश दिया है। आरोप है कि निजी बिल्डर अन्सल एपीआई ने सरकारी जमीन को टाऊनशिप में मिलाकर अतिक्रमण कर लिया। बाद में इसे एक नामचीन स्कूल समेत अन्य लोगों को अंतरित कर दिया। इस मामले में सीबीआई की एसआईटी 4 माह में शुरुआती जांच कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगी। साथ ही हर महीने जांच की प्रगति रिपोर्ट भी पेश की जाएगी।

कोर्ट ने इसके लिए जांच की पहली प्रगति रिपोर्ट 24 मई तक व फाइनल रिपोर्ट 22 अगस्त तक सौंपने का आदेश एसआईटी को दिया है। अभी तक इस मामले की सतर्कता विभाग जांच कर रहा था। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि इस मामले में जैसे ही सतर्कता जांच पूरी हो, इसकी एक प्रति देखने व रिकार्ड पर रखने को सीबीआई को सौंपी जाएगी। कोर्ट ने मामले में एलडीए समेत आवास एवं शहरी विकास विभाग को भी ने आदेश दिया कि समुचित विवेचना के लिए वांछित सभी जरूरी दस्तावेज सीबीआई को मुहैय्या कराएं।

न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने यह आदेश भारत किशोर सिन्हा की याचिका पर दिया। याचिका पर सुनवाई के दौरान यह कथित जमीन घोटाला मामला प्रकाश में आया। कोर्ट ने कहा कि, चूंकि एक प्रभावशाली व्यक्ति को इतने बड़े पैमाने पर अतिक्रमण करने देने में ऊंचे नौकरशाह शामिल होंगें ऐसे में स्थानीय पुलिस द्वारा इस मामले की साफ सुथरी विवेचना संभव नहीं हो सकेगी। लिहाजा, इसकी तफ्तीश खास तौर पर सीबीआई/ एसआईटी द्वारा की जानी चाहिए।

कोर्ट के आदेश पर गत 21अप्रैल को सीबीआई की एसपी शिवानी तिवारी कोर्ट में पेश हुईं। सीबीआई के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इस मामले की तफ्तीश के लिए एसपी के नेतृत्व में एसआईटी बनाने का निर्णय लिया गया है। जिसे शुरुआती जांच रिपोर्ट पेश करने में 4 माह का समय लगेगा। हालांकि, हर माह जांच के प्रगति रिपोर्ट भी पेश की जाएगी। कोर्ट ने इससे संबंधित समय देकर आदेश दिया कि यह एसआईटी, सीबीआई लखनऊ क्षेत्र के संयुक्त निदेशक की निगरानी में कार्य करेगी।

कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि इस मामले में जैसे ही सतर्कता जांच पूरी हो, इसकी एक प्रति देखने व रिकार्ड पर रखने को सीबीआई को सौंपी जाएगी। कोर्ट ने मामले में एलडीए समेत आवास एवं शहरी विकास विभाग को भी आदेश दिया कि समुचित विवेचना के लिए वांछित सभी जरूरी दस्तावेज सीबीआई को मुहैया कराए जाएंगें।

उधर, राज्य सरकार की तरफ से मुख्य स्थायी अधिवक्ता प्रथम प्रशांत सिंह अटल ने सरकार का पक्ष रखते हुए जवाबी हलफ़नामा पेश किया। साथ ही कोर्ट को बताया कि मामले की सतर्कता जांच चल रही है। निजी बिल्डर अंसल एपीआई व एक नामी स्कूल द्वारा जमीन पर किए गए अतिक्रमण को हटवा दिया गया है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 5 मई को नियत की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button