देश के हर कोने को जोड़ रही वंदे भारत एक्सप्रेस

भारतीय रेल को न सिर्फ देश बल्कि दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनाने की दिशा में तेजी से काम चल रहा है। स्वदेशी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की बात हो या ट्रेन हादसे को रोकने के लिए सुरक्षा कवच तैयार करना हो आज के समय में भारत के योग्य इंजीनियरों ने सारी सुविधाएं देश में ही तैयार की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ना सिर्फ आत्मनिर्भर बन रहा है बल्कि तेज गति से विकास भी कर रहा है। भारत में बीते नौ वर्षों के दौरान रेलवे ने दमदार तरक्की की है। आज के समय में देश को हाईस्पीड कनेक्टिविटी मिली है तो विदेशों में इसकी मांग भी बढ़ रही है। देश में हाई स्पीड कनेक्टिविटी की बढ़ती मांग की पूर्ति के लिए तेजी से काम चल रहा है।
भारत में हाई स्पीड कनेक्टिविटी का काम की गति का अंदाजा इससे लग सकता है कि भारत में अप्रैल के महीने में ही चार वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत की गई है। देश में एक से 12 अप्रैल के बीच चार वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को पीएम मोदी ने हरी झंडी दिखाई है। बता दें कि ये सेमी हाई स्पीड ट्रेन मध्य प्रदेश, राजस्थान, यूपी, दिल्ली समेत कई राज्यों में दौड़ रही है। आने वाले दिनों में कई नए रूटों पर इस ट्रेन की शुरुआत होनी है। हाल ही में दक्षिण के राज्य को भी वंदे भारत ट्रेन की सौगात मिली है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को नई वंदे भारत ट्रेन की सौगात देते समय कहा कि केंद्र सरकार बीते नौ वर्षों से निरंतर ये प्रयास कर रही है कि भारतीय रेल दुनिया की सर्वश्रेष्ठ रेल नेटवर्क बने। रेलवे में आज के समय में आधुनिकीकरण हुआ है। इसका एक उदाहरण विद्युतीकरण का काम भी है।
बता दें कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में तमिलनाडु के चेन्नई में एमजीआर चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर चेन्नई-कोयम्बटूर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन रवाना की गई है। इस ट्रेन को आठ अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही रवाना किया था। इस ट्रेन की शुरुआत के साथ ही चेन्नई और कोयम्बटूर की जनता को कई लाभ होंगे। दोनों ही शहरों के बीच की न सिर्फ दूरी कम होने के साथ ही कनेक्टिविटी में भी शानदार सुधार देखने को मिलेगा। इस ट्रेन के चलने से अब दोनों शहरों के बीच की यात्रा का समय घटेगा। यात्री सिर्फ छह घंटे में ही इस दूरी को पूरा तय करेंगे। ये ट्रेन सलेम, इरोड और तिरुपुर जैसे वस्तत्र और औद्योगिक केंद्रों के लिए भी लाभदायक सिद्ध होगी।
बता दें कि तमिलनाडु में वंदे भारत को रवाना करने के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने मदुरै का उल्लेख करते हुए कहा कि यह शहर तमिलनाडु की सांस्कृतिक राजधानी है और दुनिया के सबसे प्राचीन शहरों में से एक है। गौरतलब है कि आठ अप्रैल को ही पीएम मोदी ने तेलंगाना के हदराबाद में सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन से सिकंदराबाद-तिरुपति वंदे भारत एक्सप्रेस को रवाना किया था। यह ट्रेन नलगोंडा, गुंटूर, ओंगल और नेल्लोर स्टेशनों पर रूकेगी। इस ट्रेन की गति की बात की जाए तो ये 90.36 किलोमीटर की औसत रफ्तार से 5 घंटे 50 मिनट के समय में 497 किलोमीटर की दूरी को तय करती है।
सिर्फ दक्षिण ही नहीं उत्तर भारत को भी सौगात
दिल्ली से भोपाल का सफर आसान हुआ है, जिससे अब दूरी घटी है। एक अप्रैल को मध्य प्रदेश में भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को रवाना किया गया, जो राज्य की पहली वंदे भारत ट्रेन है। भोपाल और हजरत निजामुद्दीन के बीच चलने वाली इस वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन से सांची, भीमबेटका, भोजपुर और उदयगिरि गुफाओं से होकर गुजरेगी। ट्रेन के इस शानदार रूट के जरिए मध्यप्रदेश में पर्यटन के बढ़ने की उम्मीद जताई गई है। वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत होने से मध्यप्रदेश के इस क्षेत्र के लोगों को रोजगार, स्वरोजगार के अवसर तो मिलेंगे ही साथ ही यहां के लोगोों की आय का स्रोत भी बढ़ने की संभावना अधिक है।
शताब्दी एक्सप्रेस से एक घंटे पहले पहुंचाएगी दिल्ली कैंट-अजमेर वंदे भारत एक्सप्रेस
राजस्थान की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को पीएम मोदी ने 12 अप्रैल को रवाना किया है। ये वंदे भारत ट्रेन जयपुर से दिल्ली कैंट रेलवे स्टेशन के बीच चली। वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन से दिल्ली कैंट और अजमेर के बीच की दूरी पांच घंटे 15 मिनट में तय होगी। इस रूट की मौजूदा सबसे तेज ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस दिल्ली कैंट से अजमेर तक छह घंटे 15 मिनट का समय लेती है।