धड़कनों का सौदागर… धरती के भगवान ने किया शर्मसार, 7 साल बाद बर्खास्त ?
पेसमेकर घोटाले के मुख्य आरोपित डॉ. समीर सर्राफ पर कार्रवाई
संतोष कुमार दीक्षित
जन एक्सप्रेस।राज्य मुख्यालय। डॉक्टर्स को धरती का भगवान कहा जाता है, क्योंकि वह पीड़ित लोगों का इलाज करके उनके स्वजनों के चेहरों पर मुस्कान लाने का काम करता है। मगर इस डॉक्टर रूपी चोले में कई ऐसे भी हैं जो अपने फायदे के लिए किसी की जान से खिलवाड़ करने से भी बाज नहीं आते। उन्हीं में से एक हैं डॉ. समीर सर्राफ जिन्हें पेसमेकर घोटाले में जांच के बाद बर्खास्त कर दिया गया है।
कारनामों की कहानियां लंबी
पीजीआई सैफई इटावा के हृदय रोग संस्थान में कार्यरत रहे डॉ. समीर सर्राफ के कारनामों की कहानियां बहुत लंबी हैं। सरकारी खजाने से खरीदे गए मेडिकल उपहरणों में कमीशन का खेल किया। हृदय में लगने वाले पेसमेकर तक में घोटाला किया। मरीजों को डिप्लीकेट पेसमेकर लगाकार उनकी जान से जोखिम में डालनी और इलाज के नाम पर लाखों रुपये वसूले। दो से ढाई करोड़ रुपए की अनियमितता भी पाई गईं।
सात साल पहले क्या हुआ था?
बात साल 2017 की है। जब सैफई मेडिकल कॉलेज के हृदय रोग विभाग में पेसमेकर घोटाला सामने आया। डॉ. सर्राफ पर आरोप है कि उन्होंने हृदय रोगियों को नकली पेसमेकर लगाए और उनकी कीमत एसजीपीजीआई की निर्धारित दर से कई गुना अधिक वसूली। शिकायत मिलने के बाद जांच कमेटी बैठाई गई, जिसमें, अनियमितता की पुष्टि हुई।
मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई थी शिकायत
पीजीआई सैफई इटावा के हृदय रोग संस्थान की शिकायत 20 दिसंबर 2017 को मुख्यमंत्री पोर्टल पर हुई थी। जिसमें शिकायतकर्ता ने बताया था कि डॉ समीर सर्राफ ने 12 अगस्त 2017 को रोली सोमवंशी को पेसमेकर लगाया था। जो खराब था। मुख्यमंत्री पोर्टल पर मिली शिकायत की जांच के लिए तत्कालीन कुलपति प्रोफेसर राजकुमार को जांच के आदेश दिए गए।
जांच में दोषी पाए जाने के बाद कार्रवाई
आदेश की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई। 12 नवंबर 2020 को जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी। रिपोर्ट में दोष साबित होने के 7 नवम्बर 2023 को आरोपित डॉ. समीर को अरेस्ट कर लिया गया। इस संबंध में तत्कालीन सीएमएस डॉ. आदेश कुमार ने डॉ. समीर सर्राफ के खिलाफ अनावश्यक आर्बिट्रेरी परचेज, पेसमेकर धोखाधड़ी, अनावश्यक विदेश यात्राएं एवं गबन आदि के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था।
इसी साल सितंबर में पकड़ा था पेसमेकर सप्लायर
पुलिस ने नकली पेसमेकर सप्लाई करने वाले आरोपित को करीब दो महीने पहले पकड़ा था। आजमगढ़ के रहने वाले आरोपित सप्लायर इंद्रजीत ने सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में कार्डियोलोजी विभाग के तत्कालीन डॉ. समीर सर्राफ के साथ सांठगांठ कर 80 नकली पेसमेकर सप्लाई किए थे। इस दौरान डॉ. समीर ने मरीजों को वही नकली पेसमेकर लगाकर मोटा पैसा वूसल किया था। नकली पेसमेकर लगाए जाने से 17 लोगों की जान चली गई थी, जिसके बाद मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया था। आरोपी इंद्रजीत ने कानपुर की कृष्णा हेल्थ केयर कंपनी के लिए काम करता था। यह कंपनी बायोटॉनिक कंपनी के पेसमेकर सप्लाई करती है। आरोपित ने कबूल किया था कि साल 2018 में पीजीआई सैफई के डॉ. समीर सर्राफ के साथ टाइअप किया था और नॉन एमआरआई पेसमेकर पर एमआरआई पेसमेकर का लेबल लगाकर मरीजों को उपलब्ध कराने की साजिश रची थी।
सप्लायर को मिलता था 10% कमीशन
बायोट्रॉनिक कंपनी के एमआरआई पेसमेकर की कीमत करीब 2 लाख रुपये थी। जबकि नॉन एमआरआई पेसमेकर 80 हजार रुपये में आता था। ऐसे में डॉक्टर ने सप्लायर से सांठगांठ करके नकली पेशमेकर पर एमआआई पेसमेकर की फर्जी मुहर लगाकर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाया। हृदय में नकली पेसमेकर लगाकर मोटी रकम वसूली।
पेसमेकर के बारे में जानें
पेसमेकर ऐसे उपकरण होते हैं जिन्हें आमतौर पर सर्जरी के ज़रिए आपके शरीर में लगाया जा सकता है, ताकि आपके दिल की विद्युत प्रणाली को सहारा मिल सके। वे असामान्य हृदय ताल को स्थिर कर सकते हैं और ऐसी समस्याओं को रोक सकते हैं जो आपके जीवन को बाधित या खतरे में डाल सकती हैं।