मायावती ने भाजपा के सुर में मिलाया सुर!
बसपा सुप्रीमो ने बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को घेरा - कहा, कांग्रेस और सपा चुप है और अब केवल मुस्लिम वोट के लिए संभल-संभल चिल्ला रही है - बसपा चीफ ने मांग की कि केंद्र सरकार को बांग्लादेश के दलितों को भारत लाना चाहिए
जन एक्सप्रेस, लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न पर भाजपा के सुर में सुर मिलाया है। इस मामले में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को घेरा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और सपा चुप है और अब केवल मुस्लिम वोट के लिए संभल-संभल चिल्ला रही है। कांग्रेस, सपा और उसके समर्थक एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं। संसद में देश और जनहित के मुद्दे ना उठाने पर बसपा सुप्रीमो और पूर्व यूपी सीएम मायावती ने विपक्ष को घेरा है। बसपा चीफ ने मांग की कि केंद्र सरकार को बांग्लादेश के दलितों को भारत लाना चाहिए।
बीजेपी गरीब-विरोधी और पूंजीपतियों के हितों का समर्थन करने वाली
मायावती ने शनिवार को इस बात पर जोर दिया था कि राजनीतिक सशक्तीकरण के संघर्ष में दलित और आंबेडकरवादी समुदायों को एकजुट होने की आश्यकता है। मायावती ने प्रदेश की योगी सरकार पर धार्मिक एजेंडे को संवैधानिक जिम्मेदारियों से अधिक प्राथमिकता देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पूर्व में कांग्रेस की सरकार की तरह ही वर्तमान में बीजेपी की गरीब-विरोधी और पूंजीपतियों के हितों का समर्थन करने वाली नीतियों के खिलाफ लोगों में गुस्सा है। इनसे ध्यान भटकाने के लिए यह पार्टी जातिवादी, सांप्रदायिक और संकीर्ण हथकंडे अपनाती है।
सपा-कांग्रेस मुस्लिम समाज को भी तुर्क और नॉन तुर्क को आपस में लड़ा रही
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार की घटनाओं को लेकर पूछा कि कांग्रेस और सपा इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं। ये दोनों दल सिर्फ मुस्लिम वोटरों को साधने के लिए सिर्फ संभल हिंसा की बात कर रहे हैं मुस्लिम समाज को लड़वा रही हैं। इन्हें बाकी मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है। आरोप लगाते हुए कहा कि सपा-कांग्रेस मुस्लिम समाज को भी तुर्क और नॉन तुर्क को आपस में लड़ा रही है। उन्होंने मुस्लिमों को नसीहत दी है कि इनसे सावधान रहें।
आकाओं को खुश कर रहे दलित वर्ग के सांसद, चुप्पी साधकर बैठे
मायावती ने कहा कि इससे भी ज्यादा दुख की बात ये है कि जिनकी बदौलत से संसद में दलित वर्ग के सांसद पहुंचे हैं वो भी अपनी-अपनी पार्टियों के आकाओं को खुश करने के लिए दलित उत्पीड़न के मुद्दे पर चुप्पी साधकर बैठ गए हैं। चाहे वो दलितों के उत्पीड़न का मामला अपने देश का है या बांग्लादेश का हो।