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मिल्कीपुर की जंग…सपा के कुनबे ने साइकिल दौड़ाने को झौकी ताकत, भाजपा ने बदला लेने की ठानी

तीन फरवरी को रोड शो करेंगे योगी, अखिलेश भी भरेंगे हुंकार

जन एक्सप्रेस/ संतोष कुमार दीक्षित/ लखनऊ: मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। साइकिल को दौड़ाने के लिए समाजवादी पार्टी का पूरा कुनबा मिल्कीपुर में डटा है। इस सीट को बचाने के लिए हर तरह के हथकंडे आजमाए जा रहे हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी मिल्कीपुर सीट जीतकर लोकसभा चुनाव में हार की कसक को निकालने की तिगड़म में लगी है। दोनों दलों के लिए नाक का सवाल बन चुकी मिल्कीपुर सीट को लेकर चुनाव काफी अहम हो गया है।

संगम में डुबकी लगा हिंदुत्व को साधने की कोशिश
भाजपा के हिंदुत्व की रणनीति को भेदने के लिए सपा ने भी संगम में डुबकी लगाकर भगवा तीर चलाया। हालांकि यह कितना सफल होगा यह 8 फरवरी को चुनाव परिणाम आने के बात तय हो जाएगा। जिस तरह भाजपा ने मुस्लिम और यादव वोटरों को साधने के लिए अल्पसंख्यक मंत्री और अपर्णा यादव को चुनावी मैदान में उतारा। ठीक उसी तरह अखिलेश यादव ने भी संगम में डुबकी लगाकर यह बताने का प्रयास किया कि हिंदू उनके लिए कितने अहम है।

क्रिकेटर रिंकू की होने वाली दुल्हनियां मांग रहीं वोट
एक ओर सपा का कुनबा चुनावी मैदान में डटा है तो दूसरी ओर क्रिकेटर रिंकू सिंह की होने वाली दुल्हनिया एवं मछलीशहर सांसद प्रिया सरोज ने भी चुनावी कमान संभाल रखी है। मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव भी अपनी पार्टी को जीत दिलाने के लिए प्रचार में जुटी हैँ। दोनों महिला सांसदों ने मिल्कीपुर में रोड शो भी किया। आजमगढ़ के सांसद धर्मेंद्र यादव भी चुनावी सभा कर चुके हैं। शायद ही कोई ऐसा दिन जाता जो जब मुलायम परिवार का कोई सदस्य मिल्कीपुर में सभा करने नहीं पहुंच रहा हो। तीन फरवरी को सपा प्रमुख अखिलेश यादव मिल्कीपुर में हुंकार भरेंगे। रामनगरी में लोकसभा चुनाव के बाद मिल्कीपुर विधानसभा फिर से जीतकर अखिलेश यादव अलग संदेश देना चाहते हैं।

हार का बदला लेने को भाजपा जोरदार प्रहार की तैयारी में
रामनगरी में लोकसभा चुनाव में हुई हार का बदला लेने के लिए भाजपा जोरदार और अंतिम प्रहार की तैयारी में है। योगी आदित्यनाथ 2 फरवरी को मिल्कीपुर में चुनावी सभा में सपा पर हमलावर होंगे। वहीं तीन फरवरी को रोड शो के जरिए जन समर्थन जुटाने का भी भरपूर प्रयास करेंगे। इसके लिए भाजपा ने तैयारियां कर ली हैं। राजनीतिक जानकारों की माने तो भाजपा को जिताने के लिए संघ ने भी रणनीति बनाई है और पर्दे के पीछे रहकर भाजपा के समर्थन में लोगों को एकजुट किया जा रहा है।

छोटी-छोटी चौपालों में बताई जा रहीं उपलब्धियां
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने मिल्कीपुर में छोटी-छोटे कार्यक्रमों के जरिए आमजन तक पहुंच बनाने की रणनीति बनाई है। जिस पर लंबे समय से काम भी चल रहा है। वहीं सरकार के कराए विकास कार्यों और अयोध्या की बदली आभा का भी बखान किया जा रहा है। भाजपा मिल्कीपुर को जीतने का दंभ इसलिए भी भर रही है क्योंकि बीते साल विधानसभा की 9 सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने 7 सीटों पर कब्जा कर लिया था और सपा को महज 2 सीट ही मिल सकीं थी।

मिल्कीपुर का परिणाम बढ़ाएगा मनोबल
मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव जो भी दल जीतेगा निश्चित की उसका मनोबल बढ़ेगा। अगर भाजपा यह सीट जीतती है तो इसे फैजाबाद लोस सीट के हार के बदले में रूप में देखा जाएगा। साथ ही रामनगरी में योगी के विकास मॉडल को जनता की मुहर के रूप में पेश किया जाएगा। वहीं यदि सपा इस सीट को फिर से जीत लेती है तो वह इस बात को जोर-शोर से प्रचार करेगी कि लोकसभा चुनाव में सपा उत्तरप्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी यूं ही नहीं बनी थी। साथ ही पीडीए फॉर्मूले के सफल होने का मिशन को भी बल मिलेगा।

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