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अब हर जिले में मेडिकल कालेज के साथ नर्सिंग कालेज भी बनेगा: भूपेंद्र सिंह

सागर । नगरीय आवास और विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि अब प्रदेश के हर एक जिले में मेडिकल कालेज खुलेगा। इसके साथ ही नर्सिंग कालेज भी बनेंगे। कई जिलों में इसकी स्वीकृति हो चुकी है। कुछ कालेज शुरू हो गए है।

मंत्री भूपेन्द्र सिंह बुधवार को बुंदेलखंड मेडिकल कालेज सागर में समाजसेवी स्व हुकुमचंद साहू की स्मृति में वाटर कूलर के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने बीएमसी में दो वाटर कूलर का लोकार्पण और चिकित्सा क्षेत्र में बेहतर सुविधाओं देने वालो का सम्मान किया। कार्यक्रम में महापौर संगीता तिवारी, महापौर प्रतिनिधि सुशील तिवारी, दानदाता राहुल साहू, डीन आरएस वर्मा और अधीक्षक डी के पिप्पल मोजूद रहे। कार्यक्रम में राहुल साहू ने मंत्री भूपेंद्र सिंह को स्मृति चिन्ह भेंटकर स्वागत किया।

नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि मेडिकल कालेज आते है तो इस बात की अनुभूति होती है कि मेडिकल कालेज की सबके जीवन के लिए कितनी जरूरत है। मेडिकल कालेज वह माध्यम है जिससे लोगों को जीवन मिलता है और रोजगार के अवसर मिलते हैं। इस समय देश में 10 लाख डॉक्टर्स और 17 लाख नर्सों की जरूरत है। आजादी के 75 साल बाद यह स्थिति दुखद है। पूर्व की सरकारों ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। इससे लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं नही मिल सकी और रोजगार भी नही मिला। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि हरेक जिले में मेडिकल कालेज बने और बनना शुरू हो गये हैं। जैसे छतरपुर ,दमोह में मंजूरी मिल चुकी है। वही रायसेन और विदिशा में कालेज शुरू हो गए है और अब इनके साथ नर्सिंग कालेज भी बनेंगे।

बीएमसी हमारे संघर्ष की देन

उन्होंने कहा कि बीएमसी हम लोगों की लगातार मेहनत और संघर्ष की देन है। पिछले दिनों केबिनेट की बैठक में 150 सीट बढ़ाई गई और केंद्र और राज्य सरकार से 300 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई है। अब इसकानिर्माण कार्य जल्द से जल्द शुरू करे। अभी इसकी नर्सिंग की 120 सीटे है। इनकी संख्या भी बढ़ाने का प्रयास करेंगे।

स्ट्रेचर पर किया था प्रदर्शन

मंत्री सिंह ने बताया कि मेडिकल कालेज की नीव रखने से लेकर आज तक जुड़ा रहा हू। इसे एमसीआई से मान्यता नहीं मिल पा रही थी। उस समय में विपक्ष में सांसद था। मान्यता को लेकर बुंदेल खंड अंचल के सभी सांसदों और विधायकों ने दिल्ली में प्रदर्शन किया था। उस समय मुझे स्ट्रेचर पर लिटाकर प्रदर्शन किया। तब एमसीआई के चेयरमेन ने शाम को सभी को बुलाया और तत्काल मान्यता के आदेश दिए।

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