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PM Modi ने अपने जापानी समकक्ष से की वार्ता

प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा भारत दौरे पर हैं। हैदराबाद हाउस में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी हुई। साक्षा प्रेस को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि मैं जापानी पीएम फुमियो किशिदा का भारत में स्वागत करता हूं। पिछले एक साल में, पीएम फुमियो किशिदा और मैं कई बार मिले हैं और हर बार मैंने भारत-जापान द्विपक्षीय संबंधों के प्रति उनकी सकारात्मकता और प्रतिबद्धता को महसूस किया है। उनकी आज की यात्रा इस गति को बनाए रखने के लिए फायदेमंद होगी। मोदी ने कहा कि आज, मैंने प्रधानमंत्री किशिदा को हमारे G20 अध्यक्षता की प्राथमिकताओं के बारे में विस्तार से बताया। ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को आवाज देना हमारे G20 प्रेसीडेंसी का एक महत्वपूर्ण आधार है। मोदी ने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम में विश्वास करने वाली संस्कृति, सभी को साथ लेकर आगे बढ़ने में विश्वास करती है। उन्होंने कहा कि हमारे बीच विभिन्न मोर्चों पर सहयोग के बड़े क्षेत्र हैं। हम 2023 को पर्यटन विनिमय वर्ष के रूप में मना रहे हैं; हमने ‘हिमालय को माउंट फ़ूजी से जोड़ना’ विषय चुना है। उन्होंने कहा कि भारत-जापान विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी दोनों देशों के साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और ‘कानून के शासन’ पर आधारित है। यह भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करेगा। मोदी ने कहा कि आज जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने मुझे G7 नेताओं के शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया जो मई में हिरोशिमा में आयोजित किया जाएगा। मैं इसके लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं।

इसके साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस साल सितंबर में, मुझे फिर से G20 लीडर्स समिट के लिए भारत में पीएम फुमियो किशिदा का स्वागत करने का अवसर मिलेगा। दिल्ली में जापानी पीएम फुमियन किशिदा ने कहा कि मैंने पीएम मोदी को G7 हिरोशिमा शिखर सम्मेलन में औपचारिक रूप से आमंत्रित किया और मौके पर ही मेरा निमंत्रण तुरंत स्वीकार कर लिया गया। किशिदा ने कहा कि हम डीकार्बोनाइजेशन और ऊर्जा पर काम करना जारी रखेंगे…2023 पर्यटन के माध्यम से हमारे आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए जापान-भारत पर्यटन आदान-प्रदान का वर्ष होगा। मैं जापानी भाषा शिक्षा पर हमारे एमओसी के नवीनीकरण का स्वागत करता हूं।जापानी पीएम ने कहा कि भारत के साथ हमारा आर्थिक सहयोग जो तेजी से बढ़ रहा है, न केवल भारत के आगे विकास का समर्थन करेगा बल्कि जापान के लिए महत्वपूर्ण आर्थिक अवसर भी पैदा करेगा। इस संबंध में, हम स्वागत करते हैं कि 5 वर्षों में जापान से भारत के वित्तपोषण में सार्वजनिक और निजी निवेश के 5 ट्रिलियन येन को साकार करने की दिशा में निरंतर प्रगति की जा रही है।

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