मध्यप्रदेश

अभी नहीं थमेगी बारिश, 39 जिलों में अलर्ट

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मध्य प्रदेश: जलस्तर से निपटने और बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। आधिकारिक जानकारी के अनुसार अतिवर्षा और प्रदेश की नदियों का जलस्तर बढ़ने, बांधों के भर जाने के कारण बाढ़ की स्थिति से निपटने की व्यापक तैयारियां की गईं हैं। इसबीच मंगलवार को भोपाल समेत कई जिलों में जहां स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है, वहीं 39 जिलों के लिए भारी बारिश का ‘अलर्ट’ जारी किया गया है।

बेतवा का जलस्तर तेज़ी से बढ़ रहा है, जिससे विदिशा के 70 गांवों को सुरक्षित स्थान पर शिफ़्ट करने का कार्य चल रहा है। भोपाल शहर की इंडस कॉलोनी, शिवनगर आदि स्थानों पर जलभराव की स्थिति होने से यहां से भी नागरिकों को शिफ़्ट किया गया है। भोपाल में राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) की तीन और राज्य आपदा नियंत्रण बल की चार टीम तैनात की गयी हैं। वहीं विदिशा के लिए वायु सेना के दो विमान भेजे गए हैं।

सीएम शिवराज की हालात पर नजर
प्रदेश के अन्य हिस्सों में एनडीआरएफ की 8 टीम तैनात हैं। विदिशा में तीन टीम के अलावा दो ग्वालियर में, एक सीहोर में, एक नर्मदापुरम में और एक जबलपुर में तैनात की गयी हैं। नर्मदा का जलस्तर विगत 24 घंटे में 945 फ़ीट से 964 फ़ीट पहुंच गया है और सोमवार देर रात ख़तरे के निशान 967 फ़ीट से ऊपर जाने का ख़तरा है। नर्मदा और बेतवा नदियों से लगे ज़िलों में ज़िला प्रशासन को हाई अलर्ट किया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा शाम से ही जिलों में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं।

भारी बारिश की संभावना
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को रेड अलर्ट जारी किया है जिसमें राज्य के पश्चिमी हिस्सों में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक वर्षा के साथ भारी से बहुत भारी वर्षा का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है। मौसम विभाग ने उज्जैन और राजगढ़ में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं ग्वालियर, नर्मदापुरम, इंदौर, भोपाल, रायसेन, सीहोर और विदिशा में बारिश का अलर्ट है। इसके अलावा सागर, चंबल और जबलपुर में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।

प्रदेश के बड़े हिस्से में नदियां, नाले और अन्य जल स्त्रोत उफान पर हैं और पानी छोड़ने के लिए कई बांधों के द्वार खोल दिए गए हैं। विशेषकर पश्चिमी मध्य प्रदेश में कई सड़कों पर कम विजिबिलटी के कारण वाहनों की आवाजाही कम रही। प्रदेश के कुछ निचले इलाकों में जलजमाव की खबरें हैं। आईएमडी ने लोगों को मूसलाधार बारिश के बीच यात्रा करने से बचने की सलाह दी है। सोमवार को भोपाल और आसपास के इलाकों में भारी बारिश हुई।

यातायात हुआ प्रभावित
भोपाल में तेज हवा के साथ बारिश से सड़कों के किनारे कई पेड़ उखड़ गए और कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित होने के साथ साथ यातायात भी प्रभावित हुआ। भोपाल नगर निगम के कर्मचारी रास्ते में गिरे पड़े पेड़ों और शाखाओं की सफाई करते दिखे। मौसम विभाग के अधिकारी ने कहा कि मध्य प्रदेश में दबाव पश्चिम की ओर बढ़ जाएगा, तो इसके परिणामस्वरूप इंदौर, और उज्जैन संभागों में भी मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि पूर्वी मध्य प्रदेश में मॉनसून की बारिश थोड़ी कम हो गई है। उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटे में लगभग पूरे राज्य में बारिश हुई है।

भाजपा का प्रशिक्षण वर्ग और बैठक स्थगित
भाजपा के मध्य प्रदेश इकाई के पंचमढ़ी में होनी वाला प्रशिक्षण वर्ग और प्रदेश कार्यसमिति की बैठक भारी बारिश के चलते स्थगित कर दी गयी है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने बताया कि भारी बारिश के कारण पंचमढ़ी में 24, 25 एवं 26 अगस्त को होने वाले प्रशिक्षण वर्ग और प्रदेश कार्यसमिति बैठक को आगामी सूचना तक स्थगित कर दिया गया है।

सिहोर में स्कूलों में बनाए गए राहत शिविर
सीहोर जिले में पिछले चौबीस घंटो से हो रही लगातार बारिश से जहां नर्मदा के बढ़ते जलस्तर से अनेक गांव बाढ़ प्रभावित होने लगे हैं, वही जिले भर में नदी नाले उफान पर हैं। अनेक बस्तियों मे पानी भर गया है। जिला कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर और पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी स्वयं बाढ़ संभावित क्षेत्र सोमालवाड़ा के निवासियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रहे हैं। हाई स्कूल बकतरा में राहत शिविर बनाया गया है, जिसमें पेयजल, भोजन, दवाएं आदि तथा ठहरने की सभी आवश्यक व्यवस्थाएं गई हैं। महिलाओं, बच्चों और वृद्धजनों को सबसे पहले लाया जा रहा है। सुमन वाला के 150 ग्रामवासियों को बकतरा में शिफ्ट किया गया है।

राजगढ़ में बने बाढ़ के हालात
राजगढ़ जिले में पिछले 48 घंटों से हो रही रिकार्ड तोड़ बारिश के चलते बाढ़ के हालात निर्मित हो गए हैं। जिले के नरसिंहगढ़ के हालात और भी गंभीर बन गए हैं। जिले के ब्यावरा और नरसिंहगढ़ में जबर्दस्त बारिश से नदी-नगर एक हो गए हैं। सर्वत्र पानी ही पानी हो जाने से समूचा नगर प्रभावित हो गया है। ब्यावरा में बाढ़ के हालात दूसरे दिन सोमवार और अधिक भयावह नजर आए। नगर की कई बस्तियां, गली, मोहल्ले एवं मुख्य मार्गो के घर, दुकानें जलमग्न हो गए। बाढ़ ने समूचे नगर में जन जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है।

बाढ़ में घिरे दर्जनों परिवारों को बचाव टीमों के द्वारा सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। जिले में बाढ़ के हालात गंभीर है। पुलिस प्रशासन के अधिकारी, अमला बाढ़ के हालातों पर नजर रखे है। कई परिवारों को बाढ़ से काफी नुकसान पहुंचा है। नगर के सेवा भावी लोग बाढ़ पीड़ितों की सेवा में जुट गए हैं। ब्यावरा नगर को अजनार नदी ने पूरी तरह से घेर लिया है। आधी आबादी पर संकट मंडरा गया है। निचली बस्तियों में ही नहीं औसत ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी नदी का पानी अथवा बारिश का पानी पहुंचने लगा है। पिछले 48 घंटे में बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है।

सागर में पिछले चौबीस घंटों में लगभग छह इंच बारिश
सागर जिले में पिछले दो दिनों से मूसलाधार बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। पिछले चौबीस घंटे के दौरान जिले में 144.8 मिमी वर्षा हुयी है। बीते साल की तुलना में सोमवार तक 61.55 प्रतिशत अधिक वर्षा जिले में हुई। जैसीनगर मे सर्वाधिक 185.2 मिमी वारिश हुई। जिले की सामान्य वर्षा 1230.5 मिमी है, जबकि आज दिनांक तक 1096.8 मिमी बारिश हो चुकी है।

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