दिल्ली/एनसीआर

कांग्रेस अध्यक्ष से ज्यादा CWC और संसदीय बोर्ड पर नजरें

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नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव पर सभी की नजरें हैं। लेकिन खबर है कि G-23 कहा जाने वाले कांग्रेस नेताओं के एक समूह ने चुनाव को लेकर ‘वेट एंड वॉच’ की स्थिति अपनाने का फैसला किया है। पार्टी में शीर्ष पद के लिए 20 अगस्त तक चुनाव पूरे हो सकते हैं। कहा जा रहा है कि समूह में शामिल नेताओं को अध्यक्ष पद से ज्यादा कांग्रेस वर्किंग कमेटी के चुनाव की चिंता है। हाल ही में गुलाब नबी आजाद और आनंद शर्मा ने प्रदेश स्तर की समितियों से इस्तीफा दिया है।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, समूह के एक बड़े नेता ने बताया कि वे CWC और पार्टी के संसदीय बोर्ड के चुनाव को लेकर ज्यादा चिंतित हैं। इनके चुनाव भी सालों से लंबित हैं। बीते साल पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव होना था, लेकिन कोविड-19 महामारी और राज्यों के चुनाव के चलते उन्हें टाल दिया गया था। वायनाड सांसद राहुल गांधी ने साल 2019 में हार के बाद पद छोड़ दिया था।

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, समूह के एक बड़े नेता ने बताया कि वे CWC और पार्टी के संसदीय बोर्ड के चुनाव को लेकर ज्यादा चिंतित हैं। इनके चुनाव भी सालों से लंबित हैं। बीते साल पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव होना था, लेकिन कोविड-19 महामारी और राज्यों के चुनाव के चलते उन्हें टाल दिया गया था। वायनाड सांसद राहुल गांधी ने साल 2019 में हार के बाद पद छोड़ दिया था।

आजाद ने जम्मू-कश्मीर और शर्मा ने हिमाचल प्रदेश में बड़े पदों से इस्तीफा दिया है। G-23 के नेताओं का कहना है कि उन्होंने इस बात के आधार पर फैसला किया है कि उन्हें फैसले लेने की प्रक्रिया से बाहर रखआ गया था और ऐसे पद लेने के लिए कहा गया था, जिनके पास असल में कोई शक्ति नहीं थी।

समूह के नेता ने कहा, ‘…चुनाव से गुजरने वाले उन राज्यों में अगर हार होती है, जो होनी ही है, तो उन्हें बली का बकरा बनाया जाता।’ फिलहाल, सभी नेता ‘वेट एंड वॉच’ की नीति अपना रहे हैं।

 

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