लखनऊ

सुजीत पांडेय हत्याकांड-2 : ….और इस तरह किया एफएसडीए के अफसरों ने खेल

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सुजीत पांडेय हत्याकांड-2

कमलेश फाइटर/राजेश सिंह

लखनऊ। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) विभाग के अधिकारियों ने वैसे तो सोची समझी रणनीति के तहत मार्च 2019 की घटना की एफआईआर उस समय दर्ज करायी जब मोहनलालगंज के पूर्व प्रधान तथा मोहनलालगंज व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुजीत पांडे की हत्या का ताना-बाना बुना जा चुका था।

योजना के अनुसार एफएसडीए के अधिकारियों को यशोदा आयल मिल से तेल चोरी की रिपोर्ट देवीदयाल अग्रवाल के अलावा कंपनी के डायरेक्टर तीनो भाई मधुकर सिंह यादव, पुष्कर सिंह यादव तथा हिमकर सिंह यादव के खिलाफ लिखाया जाना था ताकि उनकी गिरफ्तारी होकर तीनों भाइयों को जेल भेजा जा सके। योजना के मुताबिक पुलिस ने आराम से सबको गिरफ्तार कर जेल भेज दिया लेकिन इन सारे लोगों को जल्द ही जमानत मिल गयी। जबकि प्लान के मुताबिक सुजीत पांडे की हत्या को तब अंजाम दिया जाना था जब यह सारे भाई जेल में होते लेकिन हो उल्टा गया। ये लोग जेल से वापस आ गये और इसी बीच 20 दिसंबर को दोपहर बाद उस समय सुजीत पांडे की हत्या भाड़े के शूटरों ने कर दी जब वे पाँच बजे के करीब मोहनलालगंज स्थित अपने घर से गौरा स्थित भट्टे के लिए निकले थे।

बताते चलें कि मधुकर की आयल फैक्ट्री में 2 और 3 मार्च 2019 को इसलिए छापा मारा गया था क्योंकि वहां बड़ी कंपनियों के एक्सपायर खाद्य तेल को नई पैकिंग में रखा जा रहा था। खाद्य सुरक्षा तथा औषधि प्रशासन ने इसके लिए 30 लाख रुपए का बांड प्रबंध तंत्र से भरवाया था और वह नकली तेल प्रबंध तंत्र की ही कस्टडी में सौंप दिया था।

बाद में प्रबंध तंत्र ने सारा तेल बाजार में बेच दिया और एफएसडीए के अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी अंजान बने रहे। अब पुलिस मधुकर यादव के साथ एफएसडीए अफसरों के कनेक्शन के तारों को जोड़ने में लगी है।

जन एक्सप्रेस को मिली जानकारी के अनुसार करीब आधा दर्जन अफसर पुलिस के रडार पर हैं जिनको कभी भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है क्योंकि उन लोगों ने समय से तेल गायब होने की रिपोर्ट नहीं लिखाई थी।

अपुष्ट समाचार के अनुसार एफएसडीए के चंद अधिकारियों/कर्मचारियों की गिरफ्तारी जल्द ही होने वाली है ताकि मधुकर और इन अधिकारियों के कनेक्शन के तारों को नंगा किया जा सके।

(जारी है पड़ताल…..»

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