देश

सरकार ने 8528 सूरजमुखी किसानों को दी 29.13 करोड़ भावांतर भरपाई राशि

चंडीगढ़ । मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सूरजमुखी किसानों को बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री ने शनिवार को 36 हजार 414 एकड़ के लिए 8528 किसानों को अंतरिम भावांतर भरपाई राशि के रूप में 29 करोड़ 13 लाख 12 हजार रुपये की राशि डिजीटल माध्यम से सीधे किसानों के खातों में भेजी।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सूरजमुखी किसानों के लिए सरकार सकारात्मक निर्णय लेगी। बाजार मूल्य के बारे में एक विस्तृत अध्ययन चल रहा है और एक बार यह प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद हम एक महत्वपूर्ण घोषणा करेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ लोग यह दावा कर किसानों में भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं कि सरकार को किसानों की परवाह नहीं है, यह पूरी तरह गलत है। हमारी सरकार निरंतर किसानों के साथ है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान सरकार की ओर से किसानों को सब्सिडी और मुआवजे के तौर पर लगभग 23,500 करोड़ रुपये की राशि दी गई है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 4287 करोड़ रुपये, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 6189 करोड़ रुपये, पराली प्रबंधन के लिए 103 करोड़ रुपये, फसल विविधीकरण के लिए 118 करोड़ रुपये और भावांतर भरपाई योजना के तहत 883 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

मनोहर लाल ने एमएसपी को लेकर सूरजमुखी किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब हमने एमएसपी पर बाजरा खरीदा, तो पता चला कि दूसरे राज्यों के किसान भी अपनी बाजरा की फसल हमारी मंडियों में बेच रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे अंतरराज्यीय स्मगलिंग का मुद्दा पैदा हो गया। अब सूरजमुखी की खरीद में भी ऐसी ही संभावना पैदा हो रही है, इसलिए एहतियात के तौर पर हमने अंतरिम भरपाई की घोषणा की है, क्योंकि बाजार की दरों में उतार-चढ़ाव बना रहता है।

उन्होंने कहा कि पहली बार सूरजमुखी की फसल की खरीद हमारी सरकार ने ही शुरू की थी। वर्तमान में हरियाणा में सूरजमुखी की खरीद 4800 रुपये प्रति क्विंटल पर की जा रही है, जबकि पंजाब में 4000-4200 रुपये में खरीद हो रही है। इसलिए हमें संदेह है कि पंजाब से भी हमारी मंडियों में फसल आ सकती है।

17 हजार एकड़ क्षेत्र का फिर से हुआ पंजीकरण

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले पोर्टल पर किसानों ने सूरजमुखी की फसल के लिए 40 हजार एकड़ क्षेत्र को पंजीकृत किया था। किसानों की मांग पर तीन दिन के लिए पोर्टल फिर से खोला, ताकि कुछ बचे हुए किसानों को भी मौका मिल सके। इन तीन दिनों के दौरान लगभग 17,000 एकड़ क्षेत्र का फिर से पंजीकरण कराया गया। यह पाया गया कि पंजीकरण उस भूमि पर भी किया गया था जहां गेहूं जैसी कोई अन्य फसल भी बोई गई थी। सत्यापन के बाद लगभग 9000 एकड़ क्षेत्र को हटाया गया और लगभग 6000 एकड़ का सत्यापन अभी चल रहा है।

कांग्रेस से आठ गुना अधिक दिया मुआवजा

मुख्यमंत्री ने वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में दी गई मुआवजा राशि की तुलना कांग्रेस से करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने अपने दस साल के कार्यकाल में 1158 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया था। जबकि हमने अभी तक 9790 करोड़ रुपये मुआवजे के रूप में दिए हैं, जो कांग्रेस से आठ गुना अधिक हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में किसानों को 2-2 रुपये के मुआवजे के चेक मिलते थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button