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युवाओं की जिंदगी के साथ खिलवाड़ गांव-गांव धधक रही कच्ची शराब की भट्ठियां
जन एक्सप्रेस/संवाददाता।
लखीमपुर/पलिया/खीरी। कच्ची शराब के निर्माता किसी जंगल या गन्ने के खेतों के बीच में या नदियों के किनारे सुनसान स्थानों पर दारू बनाते थे। लेकिन अब गंवई इंजीनियरों द्वारा निरंतर प्रयोगों से प्राप्त तकनीक अपनाते हुये अपने छोटे से घर या झोपड़ी मे विशुद्ध पूर्ण स्वदेशी सर्व सुलभ कच्ची दारू निर्माण संयत्र लगा कर और दारू उत्पादन कर घर पर ही बिक्री करने का कुटीर कारोबार चरम सीमा पर है। पलिया क्षेत्र के संपूर्णानगर रोड के किनारे खुलेआम कच्ची शराब का कारोबार किया जा रहा है रिक्खी पुरवा,गदनिया, पंजाब घाट, बम नगर, बिशन पुरी, पटिहन, घोला, बंसी,सिंघिया, अतरिया, शारदा नगर,मटहिया, भीरा,सुनहर मलेनियां, तिलक पुरवा, नौगांवा बसंतपुर एवं पलिया कोतवाली थाना क्षेत्र के नर्सरियों, जंगल के किनारे सटे गांवों में कच्ची का कारोबार बहुत तेजी से फैल रहा है। महिलाएं खाना बनाने के बाद चूल्हे पर मिनी दारू उत्पादक संयत्र लगा कर दो – तीन बोतल दारू जरा सी देर मे निकाल कर बिक्री कर स्वयं रोजगार प्राप्त कर रही है।