रामनगरी में कारोबार की रफ्तार, बड़े-बड़े शहर पीछे छूटे
इटावा दूसरे और मुरादाबाद तीसरे, और राजधानी लखनऊ पांचवें पायदान पर
संतोष कुमार दीक्षित
राज्य मुख्यालय। रामनगरी में विकास की गंगा बहने के साथ ही वहां कारोबार को भी पंख लग गए हैं। इसी का नतीजा है कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में अयोध्या कारोबार के लिहाज से पहले पायदान पर पहुंच गई है। इतना ही नहीं जीएसटी के लिहाज से भी यहां कलेक्शन दोगुना पहुंच गया है। दूसरे नंबर पर इटावा, तीसरे नंबर पर मुरादाबाद, चौथे पर मेरठ, पांचवें पर लखनऊ द्वितीय और छठे पर गोरखपुर जोन ने स्थान प्राप्त किया है। ग्रोथ के लिहाज से गाजियाबाद, कानपुर, गौतम बुद्ध नगर जैसे शहर काफी पीछे रह गए हैं।
पर्यटकों ने बदला कारोबारी भूगोल
अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनने के बाद वहां देश-दुनिया की ध्यान गया है। देश के कोने-कोने श्रद्धालु श्रीराम के दर्शनों के लिए आयोध्या आ रहे हैं। सरकार ने भी रामनगरी के विकास के लिए खजाना खोल दिया है। परिणामस्वरूव कारोबार में अप्रत्याशित उछाल आया है। देश-विदेश के पर्यटकों ने अयोध्या का व्यापारिक नक्शा बदल दिया है।
इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार से मिली कारोबार को रफ्तार
बुनियादी ढांचे में बदलाव आने से अयोध्या में होटल, मॉल, रेस्तरां, इंडस्ट्रीज की बाढ़ सी आ गई। जिसके चलते कारोबार को रफ्तार तो मिली ही और स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी मिले हैं। वहीं वैश्विक निवेशक की भी अयोध्या में रुची बढ़ी है, जिसके चलते यहां की इंडस्ट्रीज ने रफ्तार पकड़ी है। जीएसटी संग्रह के लिहाज से गाजियाबाद, नोएडा, कानपुर, मेरठ और आगरा भी आगे हैं। गोरखपुर के अतिरिक्त बरेली, झांसी, मुरादाबाद और सहारनपुर ने भी चौंकाने वाली ग्रोथ दर्ज की है।