चित्रकूट

फ्रैक्चर रेल पटरी से गुजरती रहीं ट्रेनें,ट्रैकमैन की पड़ी नज़र,सुबह हुई मरम्मत

बुधवार को भी चटकी थी पटरी, कई ट्रेनें हुई थी प्रभावित

जन एक्सप्रेस । चित्रकूट
ठंड मे लगातार हो रही बढोतरी हऔर उसके तीखे तेवरों के चलते रेल विभाग भी प्रभावित हो रहा है। ठंड बढने के साथ ही रेल पटरियों के टूटने की घटनाएं बढ रही हैं। एक के बाद एक पटरी फ्रैक्चर हो रही है। ठंड बढते ही रेलवे का तनाव भी बढ जाता है। ठंड की वजह से पटरी चटकने की संभावनाएं अधिक बढ जाती हैं।
शुक्रवार को हावड़ा-मुंबई रेल मार्ग के मारकुंडी रेलवे स्टेशन के पास डाउन रेल ट्रैक फ्रैक्चर होने से रेलवे मे हड़कंप मच गया। पेट्रोलिंग कर रहे रेलकर्मियों के सतर्कता से बड़ा हादसा टल गया। पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर मण्डल अंतर्गत सतना-मानिकपुर रेलखंड के मध्य मारकुंडी रेलवे स्टेशन के समीप रेलवे किमी. संख्या 1222/40 डाउन मेन लाईन पटरी चटक गई। फ्रैक्चर होने के बाद भी कई ट्रेनें गुजर गई। शुक्रवार को तड़के 3 बजे पेट्रोलिंग कर रहे ट्रैक मैन की नज़र टूटी पटरी पर पड़ी। ट्रैकमैन द्वारा तत्काल इसकी सूचना स्टेशन प्रबंधक मारकुंडी को दी। जानकारी होते ही पूरी तरह से ट्रेनों आवागमन रोककर फ्रैक्चर पटरी की मरम्मत शुरू कर दी गई। रेलकर्मियों की घंटों की मशक्कत के बाद टूटी पटरी को दुरूस्त किया गया। फ्रैक्चर होने पर दस मीटर के करीब पटरी के हिस्से को बदलकर ज्वाइंट को सपोर्ट देकर मजबूत कर ठीक किया गया। तब जाकर यातायात सुचारू हो सका। पटरियों के टूटन का सिलसिला बदस्तूर जारी है। बुधवार को भी मारकुंडी फाटक के आगे अप लाईन की पटरी चटक गई थी। जिससे आधा दर्जन के करीब ट्रेनें प्रभावित हुई थी। रेल पटरियों के टूटने की संभावना को देखते हुए रेलवे ने निगरानी बढ़ा दी है। रेलकर्मियों द्वारा लगातार पेट्रोलिंग की जा रही है। अल्ट्रासोनिक मशीन से कर्मचारी रेल पटरी के फाल्‍ट खोज रहे। वहीं चालकों को फाग सेफ्टी डिवाइस दी गई है। कोहरे का प्रकोप होने से दृश्यता शून्य हो चुकी है। जिससे ट्रेनों की रफ्तार बेहद धीमी है। कोहरा अधिक पड़ने से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

 

पटरी चटकने का सिलसिला बदस्तूर जारी

हावड़ा-मुंबई रेल मार्ग के मारकुंडी रेलवे फाटक नंबर 401 के पास बुधवार को अप लाईन की पटरी टूटने से कई ट्रेनें प्रभावित हुई थी। घंटों की मशक्कत के बाद लाईन ठीक हुई थी। पटरियां चटकने की लगातार घटनाएं सामने आ रही हैं। रेलवे द्वारा रेल ट्रैक की निगरानी भी बढा दी गई है। सर्दियों के मौसम मे आमतौर पर ट्रेन आपरेशन बेहद कठिन और चैलेंजिंग हो जाता है। इस दौरान कोहरा के साथ ही रेल फ्रैक्चर की घटनाएं बढ जाती है।

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