त्रिशुली बस दुर्घटना- 17 दिनों के बाद भी दोनों बस और 38 यात्रियों का नहीं मिला कोई सुराग
काठमांडू । नेपाल में दो बसों के नदी में गिरने के 17 दिन के बाद भी कोई सुराग नहीं मिल पाया है। पिछले एक हफ्ते से उस बस में सवार किसी भी यात्री का शव भी बरामद नहीं हो पाया है। इसी बीच बस को ढूंढने के लिए प्रयोग में लाई जा रही 20 किलोग्राम की चुंबक भी नदी में ही खो गयी। इन सबको देखते हुए प्रशासन ने रविवार से खोजी काम को बंद करने का फैसला किया है। साथ ही रेस्क्यू के लिए भारत से बुलाई गई एनडीआरएफ की टीम भी आज वापस लौट गई ।
उल्लेखनीय है कि 12 जुलाई की सुबह काठमांडू से गौी जा रही यात्री बस और बीरगंज से काठमांडू के तरफ आ रहे एक दूसरे यात्री बस के एक ही स्थान पर भूस्खलन की चपेट में आने के कारण चितवन जिले के सिमलताल के पास त्रिशुली नदी में गिर गईं । दोनों बसों में कुल 65 यात्री सवार थे। नदी में गिरने से पहले बस के केबिन में बैठे तीन यात्रियों ने कूद कर अपनी जान बचा ली। बाकी 62 यात्री और दोनों बस नदी की तेज बहाव में गिर गया।
दुर्घटना होने के 17 दिन के बाद भी दोनों में से एक भी बस का कोई सुराग नहीं मिल पाया। बस को ढूंढने के लिए भारत सरकार से अनुरोध कर एनडीआरएफ की रेस्क्यू एवं टेक्नीकल टीम भी मंगवाई गई। पिछले एक हफ्ते से लगातार नेपाल और भारत की टीमों के सघन खोजी के बाद भी बसों का कोई सुराग नहीं मिल पाया। नेपाल के सशस्त्र प्रहरी बल के डीआईजी पुरूषोत्तम थापा ने बताया कि नदी में लापता बसों को ढूंढने के लिए सभी अत्याधुनिक उपायों का प्रयोग किया गया लेकिन अब तक बस का कोई हिस्सा भी बरामद नहीं हो पाया।
डीआइजी थापा के मुताबिक बस को ढूंढने कै लिए वाटर ड्रोन, सोनार कैमरा, लेसर लाईट, भारी वजन के चुम्बक और गोताखोर का प्रयोग किया गया, लेकिन दुर्घटना के 17 दिन के बाद भी कोई सुराग नहीं मिला। डीआईजी थापा ने यह भी बताया कि सिर्फ दुर्घटनास्थल के आसपास ही नहीं बल्कि करीब 150 किमी दूर भारतीय सीमा तक खोजी अभियान चलाया गया था। इसी बीच बस को ढूंढने के लिए जिस 20 किलो वजन के चुम्बक का प्रयोग किया जा रहा था, शनिवार को वो भी नदी में ही खो गया।
इसी बीच पिछले एक सप्ताह से एक भी शव बरामद नहीं हो पाया है। पिछले हफ्ते तक 65 में से 24 शव ही बरामद किए गए थे। लेकिन एक हफ्ते से एक भी शव के ना मिलने से आज से रेस्क्यू के काम को रोकने का फैसला किया गया है। चितवन जिले के प्रमुख जिलाधिकारी इन्द्रदेव यादव ने कहा कि भारत से बुलाई गई रेस्क्यू और टेक्नीकल टीम एक हफ्ते के लिए यहां आई थी लेकिन ना तो बस और ना ही किसी यात्री के बारे में कोई सुराग मिल पाया इसलिए आज से रेस्क्यू के काम को बन्द करने का फैसला लिया गया है। आज सुबह ही भारत से आई एनडीआरएफ के टीम को विदा किए जाने की जानकारी भी प्रमुख जिलाधिकारी इन्द्रदेव यादव ने दी है।