नेपाल से भारत में हो रहा सोना तस्करी
नेपाली अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल सरकार द्वारा सीमा शुल्क दर को 20 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया गया है।
भारत नेपाल सीमा, बहराइच। अमेरिका में अभी हाल में हुए चुनाव के बाद डॉलर में उतार चढाव के चलते नेपाल में सोना सस्ता हो गया है और सोने पर लगने वाले शुल्क में नेपाल सरकार ने कटौती की है। जिसके चलते सोने के व्यापारी अब भारतीय बाजार पर नजर रख रहे हैं। तस्करी के माध्यम से बड़े पैमाने पर सोना भारत भेजा जा रहा है। इसका भुगतान हवाला के माध्यम से किया जा रहा है। जिसको लेकर नेपाल सरकार और अधिकारी चिंतित हैं।
नेपाली अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल सरकार द्वारा सीमा शुल्क दर को 20 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया गया है। सोमवार को नेपाल में सोना करीब 16,000 नेपाली रुपये सस्ता हो गया। रविवार को छपावल में सोने की कीमत 1 लाख 67 हजार 200 रुपये नेपाली प्रति तोला थी। फिर सोने की कीमत में गिरावट आई सोना 148700 रुपए पर स्थिर हो गई। नेपाल गोल्ड एंड सिल्वर ट्रेडर्स फेडरेशन के अध्यक्ष अर्जुन रसाइली का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि भारत में सोने की सीमा शुल्क दर में 6 प्रतिशत के व्यापक अंतर के कारण बाजार काफी अव्यवस्थित हो गया है। अध्यक्ष रसैली कहते हैं, ”इस तरह के अंतर के कारण, एक तरफ, सीमा क्षेत्र से नेपाली ग्राहक सोना खरीदने के लिए भारत जाते थे, और दूसरी तरफ अवैध चैनलों के माध्यम से सोना नेपाल में लाया जाता था।
नेपाल नेशनल बैंक द्वारा निर्धारित वर्तमान सीमा के अनुसार प्रतिदिन 20 किलोग्राम सोना आयात किया जा सकता है। सोना-चांदी व्यापार संघ के अध्यक्ष रसैली कहते हैकि हमने मांग की है कि सीमा को बढ़ाकर 30 किलोग्राम प्रतिदिन किया जाए। लेकिन नेपाल राष्ट्र बैंक के सह-प्रवक्ता दिलीराम पोखरेल का कहना है कि दोनों देशों में सीमा शुल्क दर तात्कालिक लाभ की बात है, “अगर यह समान है, तो कोई तस्करी नहीं होगी”। वे कहते हैं, “मुख्य उद्देश्य वैध व्यापार करना है। चूंकि सोना पैसे की तरह एक वस्तु है, राष्ट्र बैंक इसके लिए एक कोटा निर्धारित करता है। अब हमारे पास प्रचुर मात्रा में विदेशी मुद्रा भंडार है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमें इसे केवल सोना खरीदने पर ही खर्च कर देना चाहिए।”राष्ट्र बैंक के सह-प्रवक्ता पोखरेल का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमत गिर रही है और सीमा शुल्क दर में समायोजन से उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी।
पोखरेल ने कहा इसका मतलब यह नहीं है कि अधिक सोना आयात किया जाना चाहिए।हालाँकि सोना नेपाल द्वारा आयात की जाने वाली शीर्ष 20 वस्तुओं में से एक है, लेकिन इसे एक लक्जरी वस्तु माना जाता है। पहले भारत और नेपाल दोनों देशों में सोने पर सीमा शुल्क 15-15 फीसदी था, लेकिन इस साल की शुरुआत से इसमें असंतुलन हो गया है।
भारत में लोकसभा चुनाव के कारण इस बार पूर्ण बजट थोड़ा देर से 8 जुलाई को आया। लेकिन नेपाल में 15 जून को लाए गए बजट में सोने की सीमा शुल्क दर 15 से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी गई। बाद में भारत में इसे 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी कर दिया गया, नतीजतन अधिकारी और व्यवसायी कहते हैं कि सोना नेपाल में आधिकारिक मार्ग के बजाय खुली सीमा का फायदा उठाकर अवैध रूप से भारत से आ रहा है। ”अब तक कस्टम के कारण कारोबारी बैंक से सोना नहीं ले पाते थे। ऐसा देखा गया कि बाजार में सोने की कीमत काफी कम हो गई है और इसकी बिक्री होने लगी है। अब हमें उम्मीद है कि पूरे नेपाल में सोने का कारोबार विश्वास के साथ अपनी पुरानी स्थिति में लौट सकेगा। इस बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार के कई हिस्सों में जो अनिश्चितता दिखी है, उसके चलते विशेषज्ञों का कहना है कि स्थिर निवेश क्षेत्र के तौर पर सोने में निवेश करने वालों की संख्या बढ़ने से नेपाली बाजार में इसका दोहरा झटका देखने को मिला है। इस बीच, अक्टूबर के मध्य में नेपाल में सोने की उच्चतम कीमत 1 लाख 71 हजार रुपये तक पहुंच गई थी।
नेपाल गोल्ड एंड सिल्वर ट्रेडर्स एसोसिएशन के अनुसार, सोमवार को सोने की कीमत गिरकर 1 लाख 51 हजार 300 रुपये हो गई। पिछले साल अक्टूबर से इस साल अक्टूबर के बीच नेपाल में सोने की कीमत में 55 हजार रुपये का इजाफा हुआ है।
सोना या डॉलर!
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों से ऐसा लग रहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की कीमत बढ़ने से सोने की कीमत में कुछ गिरावट आनी शुरू हो गई है। सामान्य तौर पर जब अमेरिकी डॉलर मजबूत होता है, तो सोने में गिरावट और इसकी कीमत में गिरावट की अंतरराष्ट्रीय प्रवृत्ति होती है। हालाँकि जब नेपाल में डॉलर मजबूत होता है, तो सोना खरीदने की चाहत रखने वालों की संख्या भी बढ़ जाती है। पिछले एक साल में नेपाल में अमेरिकी डॉलर और सोना दोनों की कीमत में बढ़ोतरी का रुख देखने को मिल रहा है। राष्ट्रबैंक के सह-प्रवक्ता पोखरेल कहते हैं।
अंतरराष्ट्रीय खुले बाज़ार में समय-समय पर यह अंतर होता रहता है कि निवेश डॉलर में किया जाए या सोने में। लेकिन हमारे मामले में यह लागू नहीं हो रहा है। जैसे जब अमेरिका में निवेश परिदृश्य अच्छा दिखता है, तो लोग सोने के बजाय डॉलर में निवेश करना पसंद करते हैं।उनका कहना है कि कभी-कभी जब बड़े केंद्रीय बैंक बड़ी मात्रा में सोना बेचते हैं, तब भी सोने की कीमत कम हो जाती है। राष्ट्र बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नरों में से एक कृष्ण बहादुर मनंधर ने हाल ही में बीबीसी से बातचीत में कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार के कई हिस्सों में देखी गई अनिश्चितता का असर सोने के बाजार पर भी देखा गया।
मनंधर ने कहा, रूस के खिलाफ प्रतिबंधों के दौरान उसके कई खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। परिणामस्वरूप कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने डॉलर में अधिक पैसा रखना जोखिम भरा मानना शुरू कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ब्याज दरों और कर दरों में कटौती के वादे ने विशेष रूप से व्यापार क्षेत्र को उत्साहित किया है। पूंजी बाजार पर इसका असर देखा जा रहा है और तब से डॉलर मजबूत हो रहा है।
नेपाल पुलिस ने कई बार पकड़ा है सोना
भारत नेपाल सीमा बहराइच। नेपाल पुलिस और एयरपोर्ट अधिकारियों ने कई बार विदेश से तस्करी कर आयातित होने वाले सोने को पकड़ा है। सबसे बड़ा मामला काठमांडू एयरपोर्ट का है। जहां पर तस्करों ने मोटरसाइकिल की ट्यूब में कार्गो एयरपोर्ट से सोना छुपा कर लाया गया था।आसानी से एयरपोर्ट की आंख में धूल झोंकर निकलने में आसान हो आसान हो गए थे। लेकिन मुखबिर की सूचना के बाद एयरपोर्ट अधिकारियों ने उनको थोड़ी ही दूरी पर गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से बड़े पैमाने पर सिंगापुर से लाया गया सोना बराबर किया गया था। जिसमें एक भारतीय एक नेपाली और एक चाइनीज नागरिक शामिल था। यह सोना तस्करी के माध्यम से भारत भेजा जाना था। लेकिन नेपाल के अधिकारियों ने उनके मंसूबे को असफल कर दिया था।
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