धरने पर बैठे ग्रामीणों ने पुलिस पर लगाया लाठीचार्ज करने का आरोप
जन एक्सप्रेस संवाददाता
बिल्हौर। राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 91 जीटी रोड के चौड़ीकरण का प्रस्ताव सदन में पास होने के बाद शासन द्वारा सडक़ के चौड़ीकरण के लिए निर्धारित भूमि का सर्किल रेट से चार गुना मूल्य पर भूमि का अधिग्रहण शुरू कर दिया गया। जीटी रोड चौड़ीकरण में बिना मुआवजे के घरों को खाली किए जाने के प्रशासनिक फरमान के बाद अपने हक के लिए कई पीढिय़ों से अरौल कस्बे में जीटी रोड किनारे बसे एक सैकड़ा परिवार के लोग घर उजडऩे की चिंता में भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। समर्थन में एक सपा नेता भी उनके साथ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठीं है। मंगलवार को झंडा फहराने के बाद सपा नेता की हालत गंभीर हो गई। जिसके चलते ग्रामीणों में शासन प्रशासन के खिलाफ भारी रोष देखने को मिला। ग्रामीणों ने बताया कि बिल्हौर एसडीएम मौके पर आई परन्तु बिना गाड़ी से नीचे उतरे वापस चलीं गईं। जिसके चलते ग्रामीणों में खासी नाराजगी है। ग्रामीणों के अनुसार एसडीएम, तहसीलदार बिल्हौर उच्च अधिकारियों को गुमराह कर उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं जबकि वह लोग गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं और अपनी बात शासन तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। परन्तु एसडीएम बिल्हौर उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रही हैं और तहसीलदार बिल्हौर उनके आन्दोलन को जबरन खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक जिले के उच्च अधिकारी आकर उनको आश्वासन नहीं देते तब तक धरना प्रदर्शन चलता रहेगा। वहीं सभी का कहना है कि पीढिय़ों से यह लोग यहां रह रहे। एक तरफ सरकार लोगों के घर बसाने की बात करती है तो दूसरी तरफ पीढिय़ों से बसे लोगों को बेघर किया जा रहा है। सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मकान दे या फिर स्थाई बसाहट के लिए उनके नाम से जमीन आवंटित कर पट्टा दिया जाए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो यह लोग बेघर हो जाएंगे। ग्रामीणों का कहना है कि बेघर होने से बेहतर है अपने हक़ के लिए शहीद होना। सुबह जब जनता के बीच सपा नेता धरने पर बैठी थीं तभी बिल्हौर पुलिस ने वहां आकर धरना खत्म करने की बात कही परन्तु सपा नेता द्वारा मना करने पर पुलिस ने उनपर लाठी चार्ज कर दिया और उन्हें वहां से उठा ले गई पत्रकारों द्वारा बार बार पूछनें पर भी पुलिस ने कुछ भी नही बताया सूत्रों की माने तो पता चला है कि उनकी तबियत खराब हो जाने पर उन्हें प्रथमिक उपचार के लिए बिल्हौर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जहां डॉक्टरों ने उनकी हालत गंभीर बताई है। जिसके कानपुर जिला अस्पताल ले जाया गया है।