उड़ाका दल की छापेमारी में 14 नकलची पकड़े गए
अब तक पकड़े गए नकलचियों की संख्या 29 हुई, एलएलबी की परीक्षा को नकल विहीन करने का प्रयास जारी
जन एक्सप्रेस/संवाददाता
बहराइच। डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या से संबद्ध स्वायत्तशासी किसान पीजी कॉलेज में चल रही संजीवनी विधि महाविद्यालय की एलएलबी पंचवर्षीय और त्रिवर्षीय पाठ्यक्रम की परीक्षा के दौरान विश्वविद्यालय से आए उड़ाका दल ने छापेमारी की। इस दौरान 14 नकलची नकल करते पकड़े गए। इस प्रकार अब तक पकड़े गए नकलचियों की संख्या बढ़कर 29 हो गई है कॉलेज में अब 4 व 5 सितंबर को एलएलबी की परीक्षा होनी है।
यह जानकारी केंद्र व्यवस्थापक तथा कॉलेज के प्राचार्य डॉ विनय सक्सेना ने दी। उन्होंने बताया कि 28 अगस्त से चल रही है इस परीक्षा के पहले दिन प्रथम पाली में दो और द्वितीय पाली में दो कल कर नकलची पकड़े गए परीक्षा के दूसरे दिन प्रथम पाली में कॉलेज के आंतरिक उड़ा का दल की ओर से चार नकलची पकड़े गए द्वितीय पाली की परीक्षा के दौरान विश्वविद्यालय से आए उड़ा का दल ने एक परीक्षार्थी को नकल करते पकड़ा। इसी प्रकार तीसरे दिन की परीक्षा के दौरान 6 नकलची विभिन्न कक्षाओं में नकल करते हुए पकड़े गए। चौथे दिन की परीक्षा के दौरान विश्वविद्यालय से आए उड़ाका दल ने 14 नकलचियों को पकड़कर नकल के खिलाफ एक कड़ा संदेश दिया।
प्राचार्य डॉक्टर विनय सक्सेना ने बताया कि इस परीक्षा के अधिकांश परीक्षार्थी कड़ी मेहनत और लगन से मन लगाकर परीक्षा नियमों का पालन करते हुए परीक्षा दे रहे हैं जबकि 20 से 25% ऐसे परीक्षार्थी हैं जो न केवल नकल करते हैं बल्कि परीक्षा नियमों का उल्लंघन करने में भी कोई संकोच नहीं करते हैं ऐसे ही परीक्षार्थियों के विरुद्ध अभियान चलाया गया है जिसकी जद में अब तक 29 परीक्षार्थी आए हैं उन्होंने कहा कि अभी 2 दिन की परीक्षा बाकी है यदि नकलची परीक्षार्थियों ने अपने आचरण में सुधार नहीं किया तो उन्हें कठिन करवाई का सामना करना पड़ेगा।
उन्होंने सुचिता पूर्वक परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों से अपील की है कि वह भी ऐसे शरारती परीक्षार्थियों का विरोध करें और महाविद्यालय स्टाफ को उनके विरुद्ध कार्रवाई करने में सहयोग करें। परीक्षा को नकल विहीन बनाने के लिए आंतरिक उड़ा का दल के प्रभारी किसुनवीर, यूएफएम के प्रभारी लेफ्टिनेंट डॉक्टर सूर्यभान रावत समस्या निवारण समिति के सदस्य पंकज सिंह संतोष सिंह गुड्डू प्रशांत दीप सिंह कथा देवेंद्र सिंह छोटू का सक्रिय योगदान रहा है इसके अतिरिक्त डॉक्टर ओपी सोनी नीरज पांडे डा.अजय प्रताप सिंह डॉ .धर्मेंद्र कुमार त्रिपाठी, मनोज यादव आदि का भी विशेष सहयोग है।