केंद्र सरकार किसानों पर काला कानून थोपने पर आमादा : डॉ. इमरान
जन एक्सप्रेस संवाददाता
कानपुर नगर। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा का किसान आंदोलन के नेताओं ने जिम्मेदारी लेने से साफ मना कर दिया। इसके साथ ही सत्ताधारी पार्टी पर हिंसा फैलाने के आरोप लगे। किसान नेताओं की बयानबाजी के बाद से अब हिंसा को लेकर राजनीति तेज हो गयी है। इसी क्रम में सपा के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने शनिवार को किसान आंदोलन में हुई हिंसा के विरोध में सांकेतिक भूख हड़ताल की। इसके साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देकर सरकार की सद्बुद्धि के लिए प्रार्थना की गयी।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर समाजवादी पार्टी कानपुर महानगर के तत्वाधान में किसान आंदोलन को एक षड्यंत्र के तहत भाजपा कार्यकर्ताओं एवं पुलिस प्रशासन द्वारा जबरन समाप्त करने के विरोध में भूख हड़ताल का आयोजन किया गया। नगर अध्यक्ष डॉ. इमरान की अध्यक्षता में नवीन मार्केट स्थिति शिक्षक पार्क में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण कर उनके चरणों में बैठकर सांकेतिक भूख हड़ताल रखकर विरोध दर्ज कराया गया। देश का राष्ट्रीय गीत जन गण मन अधिनायक जया हे गाकर भूख हड़ताल का समापन किया गया। इस दौरान नगर अध्यक्ष ने कहा कि देश को आजादी दिलाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 30 जनवरी 1948 को फिरका परस्त व देश का दुश्मन नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
किसान आंदोलन को लेकर कहा कि केन्द्र की तानाशाह सरकार कॉर्पोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों पर जबरदस्ती तीन काले कानून थोपने पर आमादा है। किसानों के साथ 11 बार वार्ता होने के बाद भी कोई हल न निकलने पर किसान आंदोलन को जबरन समाप्त कराने के लिए किसानों के बीच भाजपा सरकार ने अपने कार्यकर्ताओं को भेजकर गणतंत्र दिवस पर हिंसा करवाई और हिंसा की जिम्मेदारी किसान नेताओं पर थोप कर उनको खालिस्तानी व उग्रवादी तक बना दिया गया। किसानों पर हो रहे अत्याचार का देश का हर नागरिक विरोध कर रहा है और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी किसान आंदोलन को समर्थन कर चुके हैं।
विधायक अमिताभ बाजपेयी ने कहा कि जनता के धैर्य की सरकार परीक्षा न ले, अगर जनता का धैर्य टूटा तो वह दिन दूर नहीं होगा जब आपके हाथ से सब कुछ निकल गया होगा। इस दौरान विधायक इरफान सोलंकी, अभिषेक गुप्ता मोनू, सुनील शुक्ला, पिंटू ठाकुर, अजय यादव अज्जू, गोपाल अग्रवाल, पूर्व विधायक डॉ राम कुमार, निखिल यादव, श्रेष्ठ गुप्ता, अमित गुप्ता, दीपक खोटे, हाजी यूनुस बदरे, आशू खान, हाजी जिया, अहमद, जमालपाशा, अहमद खान आदि मौजूद रहे।