एमसीडी बजट में चार महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश करेगी ‘आप’
नई दिल्ली । ‘आप’ विधायक एवं एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि दिल्ली के व्यापारियों को फायदा पहुंचाने के लिए आम आदमी पार्टी मंगलवार को एमसीडी बजट में चार महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश करेगी। कभी अवैध उगाही के नाम पर तो कभी लोकल और कॉमर्शियल शॉपिंग सेंटर को डीरेगुलराइज करने के नाम पर भाजपा ने दिल्ली के व्यापारियों का खूब शोषण किया है।
भाजपा के सभी पर्षदों से मेरा निवेदन है कि कल सदन में इन चारों प्रस्तावों पर हमारा समर्थन करें। उधर ‘आप’ नेता मुकेश गोयल ने कहा कि केजरीवाल ने चुनाव के वक्त वादा किया था कि दिल्ली के व्यापारियों को सीलिंग से, कन्वर्जन शुक्ल, पार्किंग शुल्क आदि से छुटकारा दिलाएंगे। इसी के तहत यह चारों प्रस्ताव लाए जा रहे हैं। कल सदन में चारों प्रस्ताव पास होने के बाद भविष्य की योजनाओं को किस प्रकार से लागू कर सकते हैं इसपर निरंतर गति बनाए रखेंगे।
दिल्ली में लोकल और कॉमर्शियल शॉपिंग सेंटरों में बहुत बड़े पैमाने पर सीलिंग हुई थी। मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा तो कोर्ट ने जुडीशियल कमेटी बनाई जिसके अंतर्गत यह मामला पिछले कई महीनों से चल रहा है।
दुर्भाग्य से उस वक्त भाजपा शासित एमसीडी की तरफ से जब भी कोई वकील खड़ा किया जाता था तो वह हमेशा व्यापारियों के खिलाफ बोलता था। इस कारण यह सीलिंग कभी खुल नहीं पाई। इसलिए इस प्रस्ताव के अनुसार अब एमसीडी का वकील जुडीशियल कमेटी के सामने व्यापारियों के पक्ष में बात करेगा। सारी सीलिंग खोलने के पक्ष में बात करेगा।
दूसरा प्रस्ताव रविंदर भारद्वाज और रेखा लेकर आ रही हैं। आजकल कनवर्जन समेत कई तरह के शुल्क निकाले जा रहे हैं। दूसरे प्रस्ताव के तहत कमिश्नर को हाउस आदेश देगा कि आगे से कोई भी नोटिस ना भेजा जाए। हमारा तीसरा प्रस्ताव पार्षद प्रेम चौहान और देवेंद्र कुमार लेकर आ रहे हैं। हमने देखा है कि पिछले कुछ समय में कनवर्जन शुल्क के नाम पर कई नोटिस भेजे गए हैं। तीसरा प्रस्ताव यह कहता है कि जिनको भी यह नोटिस भेजे गए हैं, उनपर कोई कार्रवाई ना की जाए।
चौथा और सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव हमारे नेता सदन मुकेश गोयल और मोहनी लेकर आ रही हैं। इस प्रस्ताव के अनुसार दिल्ली के जितने भी लोकल और कॉमर्शियल शॉपिंग सेंटर हैं, एमसीडी के पास उन्हें नोटिस भेजने का कोई अधिकार नहीं है। इसलिए आगे से यहां किसी भी प्रकार का नोटिस ना भेजा जाए। जबतक एमसीडी कोई पॉलिसी नहीं बना लेती है तबतक किसी भी चीज पर कार्रवाई करने की जरूरत नहीं है।